प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 17वें BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और संयुक्त कार्रवाई की पुरज़ोर मांग की। उन्होंने BRICS देशों से अपील की कि वे आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट न दिखाएं और इसे राजनीतिक सुविधा का विषय न बनाएं।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है”, और इसके खिलाफ दुनिया को सिद्धांत आधारित और स्थायी रुख अपनाना होगा।
आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ रुख की आवश्यकता: PM मोदी
PM मोदी ने अपने संबोधन में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
उन्होंने BRICS नेताओं से कहा:
“आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। आतंकवाद के पीड़ित और समर्थक एक तराजू पर नहीं तौले जा सकते।”
यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से चीन जैसे देशों की ओर इशारा करता है, जिन्होंने अतीत में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से रोकने की कोशिश की थी।
“आतंकवाद के मामले में राजनीति नहीं, सिद्धांत हो प्राथमिकता”
PM मोदी ने कहा कि आतंकवाद की निंदा राजनीतिक लाभ के आधार पर नहीं, बल्कि सैद्धांतिक आधार पर होनी चाहिए।
“अगर हम पहले देखते हैं कि हमला किस देश में हुआ, और फिर प्रतिक्रिया देते हैं, तो यह मानवता के साथ विश्वासघात है।”
उन्होंने यह भी कहा कि चुप्पी या मौन समर्थन आतंकवाद को बढ़ावा देता है और राजनीतिक फायदे के लिए आतंक का समर्थन किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में BRICS की भूमिका अहम: मोदी
PM मोदी ने सम्मेलन में कहा कि BRICS को एक बहुध्रुवीय (Multipolar) और समावेशी (Inclusive) वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की जटिल वैश्विक चुनौतियों के सामने, 20वीं सदी की वैश्विक संस्थाएं अक्षम हो गई हैं।
“UNSC, IMF, WTO और वर्ल्ड बैंक जैसे संगठन आज के वैश्विक परिदृश्य और जरूरतों को नहीं दर्शाते। इनका पुनर्गठन अब आवश्यकता बन चुका है।”
भारत के दृष्टिकोण से, वैश्विक संस्थानों में प्रत्येक देश की समान भागीदारी और प्रतिनिधित्व ज़रूरी है।
विज्ञान, तकनीक और AI पर भारत की पहल
PM मोदी ने BRICS देशों के बीच विज्ञान और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने की बात करते हुए एक “विज्ञान एवं अनुसंधान भंडार” (Science and Research Repository) बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत अगले साल “AI Impact Summit” की मेज़बानी करेगा, जिसमें उत्तरदायी और सुरक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास पर चर्चा होगी।
“हम ‘AI for All’ के मंत्र पर काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और शासन के क्षेत्रों में AI का इस्तेमाल व्यापक रूप से हो रहा है। लेकिन इसके सही इस्तेमाल के लिए वैश्विक मानकों की जरूरत है।”
द्विपक्षीय मुलाकातें: भारत की कूटनीतिक सक्रियता
PM मोदी ने सम्मेलन के इतर कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं, जिनमें शामिल हैं:
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मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम
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वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह
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क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल
इन बैठकों में आर्थिक सहयोग, रणनीतिक साझेदारी, और वैश्विक चुनौतियों पर साझे प्रयास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
जलवायु परिवर्तन पर भारत को BRICS देशों का समर्थन
सम्मेलन के दौरान BRICS देशों ने भारत की COP33 (2028) की मेज़बानी की दावेदारी का समर्थन किया। यह संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) का प्रमुख कार्यक्रम है, और भारत की इस पहल को वैश्विक जलवायु नेतृत्व की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
BRICS घोषणा-पत्र में कहा गया:
“हम पेरिस समझौते और UNFCCC के उद्देश्यों को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। सभी देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए।”
यह समर्थन इस बात को दर्शाता है कि भारत अब जलवायु कूटनीति में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है, विशेषकर विकासशील देशों के लिए।
BRICS शिखर सम्मेलन 2025 की मुख्य झलकियां:
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की मांग
UNSC, IMF, WTO जैसे संगठनों में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर
“AI for All” और वैश्विक AI समिट की घोषणा
विज्ञान एवं अनुसंधान के लिए BRICS में साझा मंच का प्रस्ताव
भारत को COP33 (2028) की मेजबानी के लिए BRICS देशों का समर्थन
मलेशिया, वियतनाम, क्यूबा के साथ उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ताएं
BRICS को बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था का अगुवा बनाने पर चर्चा
17वां BRICS शिखर सम्मेलन 2025 भारत के लिए न केवल एक राजनयिक अवसर, बल्कि वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन था। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, तकनीकी विकास और वैश्विक संस्थागत सुधार जैसे अहम मुद्दों पर भारत का दृढ़ और स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
भारत अब 2026 में BRICS की अध्यक्षता संभालेगा, और इस सम्मेलन में जो विचार प्रस्तुत किए गए, वे अगले वर्ष BRICS की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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