KKN Special

वो होते है किस्मत वाले जिनकी मां होती है ….

​संतोष कुमार गुप्ता

लखनऊ।आज मदर्स डे है। सोशल मीडिया मे इस बार इस डे को लेकर चर्चा ही नही है,बल्कि लोग मां के बारे मे भावुकता के साथ अपनी बात कह रहे है। ग्रामीण इलाको के युवा, बुद्घिजीवी व छात्र अपनी मां के साथ तस्वीरे सोशल मीडिया मे पोस्ट कर रहे है। कहा जाता है मां के आंचल का प्यार अगर न मिले तो दुनिया अधूरी सी लगती है। मां भगवान का ही दूसरा रूप है। फिर भी हमारे देश में कुछ लोग अपनी मां के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करते हैं। वहीं, लाखों लोग मां के प्यार से ही वंचित हैं। जरा उनसे पूछो जिनकी मां नहीं होती। भले ही आप की मां आंखों के सामने मौजूद रहे। लेकिन जरा सोचकर देखिये अगर मां न हो तो आंखों में आंसू आ जायेंगे।वो होते है किस्मत वाले जिनकी मां होती है।प्रस्तुत है कुछ दर्द भरी झलकी।
दर्द नंबर एक- सुब्रत रॉय सहारा अपनी मां छवि राय से बहुत प्यार करते थे। लेकिन हालत ऐसे आये कि वह जेल में थे

और उनकी मां का शुक्रवार को मदर्स डे से तीन दिन पहले निधन हो गया। सुब्रत रॉय को अपनी मां की बहुत याद आ रही है अब वह उनसे कभी भी नहीं मिल सकेंगे। छवि राय समाज सेविका थीं उन्होंने कई बेसहारा लड़कियों की शादियां करवाईं थीं। छवि की कमी अब उनके चाहने वाले बहुत महशूश कर रहे हैं।
दर्द नंबर दो- ठाकुरगंज थाने में तैनात रिंग रोड चौकी इंचार्ज जनार्दन यादव का हंसता खेलता परिवार था। लेकिन समय को यह मंजूर न था। कैंसर की बीमारी के चलते उनकी पत्नी शांति यादव का दो साल पहले निधन हो गया। उनके दो बच्चे हैं बेटा अभिनव यादव, नवनीत यादव और बेटी प्रियंका यादव कहती है मां दोनों को बहुत प्यार करती थी। बच्चे कहते हैं जब उन्हें मां की याद आती है तो अकेले में बैठकर रो लेते हैं। पापा ने कभी मां की कमी नहीं लगने दी अब वही मां और पिता हैं।
दर्द नंबर तीन- नरधिरा गांव में रहने वाले पंकज राठौर ने पत्रिका से अपना दर्द बयां करते हुए कहा। उनके घर में सब कुछ है लेकिन जब दो साल पहले उनकी मां का निधन हुआ था इसके बाद से सबकुछ खाली सा लगने लगा। घर में छोटी दो बहने सौरवी और सरोजनी छोटा भाई विपिन है सभी मां की याद आती है तो आंसू निकलने लगते हैं। मां की कमी हर दिन घर में लगती है पापा बहुत प्यार करते हैं लेकिन मां तो आखिर मां ही होती है।
दर्द नंबर चार- जब वह एक साल की थी तभी उसकी मां दुनिया छोड़कर चली गयी। लेकिन अविनाश ने मां का फर्ज निभाया और अपनी तीन साल की मासूम रश्मि को पालकर बड़ा कर रहे हैं। अविनाश मलिहाबाद में रहकर वीडियोग्राफी करते हैं उनकी पत्नी कुसुम लता का दो साल पहले निधन हो गया था तब बेटी एक साल की थी। बेटी जब मां को याद करती है तो वह दिलासा दे देते हैं कि मां अभी बाहर गई है आ जाएगी। रश्मि अपनी मां को बहुत मिस करती है लेकिन वह मासूम क्या कर सकती है।
दर्द नंबर पांच- बड़ागांव में रहने वाली मासूम महिमा सिंह ने मदर्स डे पर पत्रिका से अपना दर्द साझा करते हुए बताया उनकी रेनू सिंह हैं। उनकी जिंदगी में मां की कमी नहीं है लेकिन पिता मकरंद सिंह की छह साल पहले हत्या कर दी गई थी। तब वह पांच साल की थी। मां ने पढ़ाई और भविष्य को लेकर गांव छोड़ दिया अब वह अपनी बेटी को लेकर शहर में रहकर पढ़ा रहीं हैं। मां का दिल इतना बड़ा होता है इसकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती।
दर्द नम्बर-छह-मीनापुर थाना क्षेत्र के धर्मपुर नारायण गांव के मदर्स डे एक दिन पहले मां का कोख सुना कर सोनू कुमार की डीजे ट्रॉली से गिरकर मौत हो गयी।
दर्द नम्बर-7 मोतीपुर सीएचसी से प्रसव पीड़िता को धक्के देकर बाहर निकाल दिया जाता है.अस्पताल के गेट पर वह कराहते कराहते बच्चे को जन्म देती है।

आखिर क्यों मनाया जाता है मदर्स डे
ममता की छांव देने वाली मां का वैसे तो हर दिन सम्मान दिया जाता है। लेकिन हर साल के मई माह के दूसरे रविवार को मां को सम्मानित करने के लिए मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। मां के सम्मान में इस खास दिन को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता। जानकारों की मानें तो अमेरिका में मदर्स डे मनाने की परंपरा है। 1912 में एना जॉर्विस ने सेकंड संडे इन मई फॉर मदर्स डे को ट्रेडमार्क बनाया और मदर डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन किया था। तब से इस खास दिन को मनाया जाता है। मदर्स डे के दिन बच्चे अपनी प्यारी सी मां को गुलाब के फूल और कई उपहार देकर सम्मानित करते हैं।

This post was published on मई 14, 2017 15:21

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
संतोष कुमार गुप्‍ता

Recent Posts

  • Videos

गिद्धों के विलुप्त होने की चौंकाने वाली हकीकत – क्या मानव जीवन खतरे में है?

या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More

दिसम्बर 18, 2024
  • Videos

1947 का बंटवारा: घोड़ागाड़ी से ट्रॉम्बोन तक की कड़वी हकीकत

भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More

दिसम्बर 11, 2024
  • Videos

पर्ल हार्बर से मिडिल ईस्ट तक: इतिहास की पुनरावृत्ति या महाविनाश का संकेत?

7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More

नवम्बर 20, 2024
  • Videos

लद्दाख की अनकही दास्तां: हिमालय की गोद में छिपे राज़ और संघर्ष की रोचक दास्तान

सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More

नवम्बर 13, 2024
  • Videos

भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी

आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More

नवम्बर 6, 2024
  • Videos

मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More

अक्टूबर 23, 2024