बिहार। बिहार कैंसर जोन बनने लगा है। महामारी की तरह फैल रही इस बीमारी से प्रतिवर्ष तकरीबन 50 हजार लोगो की मौत हो रही है। विश्व स्वास्थय संगठन यानि डब्लू.एचओ ने यह चौकाने वाला आकड़ा जारी किया है।
डब्लू.एचओ की आशंकाओं को सही माना जाए तो 2030 तक बिहार में कैंसर महामारी का रूप भी ले सकता है। बिहार में ये बीमारी 1 से 12 साल के बच्चों में ज्यादा तेजी से फैल रहा है। पटना के कैंसर स्पेशल अस्पताल में छोटे-छोटे बच्चे कैंसर से जंग लड़ते देखे जा सकतें हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में हर साल कैंसर के 80 हजार नये मरीज होते हैं, जिनमें से करीब 50 हजार की मौत हो जाती है। इस बीमारी से कोई वर्ग भी अब अछूता नहीं है।
पटना के महावीर कैंसर संस्थान के एसोसिएट डायरेक्टर मनीषा सिंह की मानें तो ये बीमारी सिर्फ मादक पदार्थ, गुटखा और नशीली चीजों के सेवन से ही नहीं होता है, बल्कि बढते प्रदूषण और केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ से भी बड़ी संख्या में कैंसर होने लगा है। डॉक्टरों की मानें को दूध में डीडीटी की मात्रा भी कैंसर का एक कारण बन रहा है। यह बेहद ही खतरनाक अवस्था है और इस पर समय रहते रोक नही लगा तो स्थिति को नियंत्रण में करना मुश्किल हो जायेगा।
This post was published on जुलाई 21, 2017 19:52
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