KKN गुरुग्राम डेस्क | जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटे में लगातार तीसरे आतंकवादी मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने उधमपुर के डूडू बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों को घेर लिया। इस दौरान एक सैनिक शहीद हो गया, जो गोलीबारी में घायल हो गया था और बाद में अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बांदीपुरा जिले में लश्कर-ए-तैयबा के चार ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को गिरफ्तार किया है, जो आतंकवादियों की मदद कर रहे थे। इस लेख में हम जम्मू-कश्मीर में हो रही सुरक्षा कार्रवाइयों और आतंकवादियों से संबंधित हाल की घटनाओं का विश्लेषण करेंगे।
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24 घंटे में तीसरा एनकाउंटर, शहीद हुआ जवान
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के डूडू बसंतगढ़ में सुरक्षाबलों ने एक और आतंकवादी मुठभेड़ में आतंकियों को घेर लिया। इस मुठभेड़ में एक सेना का जवान शहीद हो गया। सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों को घेरने के बाद दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई, जिसमें जवान को गंभीर चोटें आईं और बाद में अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
यह मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटे में लगातार तीसरे एनकाउंटर के रूप में सामने आई है, जो यह दर्शाता है कि आतंकवादी गतिविधियाँ फिर से जोर पकड़ रही हैं। पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ों की संख्या बढ़ी है। इन मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने कई आतंकवादियों को मार गिराया, लेकिन इस दौरान कई जवानों को भी शहादत का सामना करना पड़ा है।
लश्कर-ए-तैयबा के चार OGWs की गिरफ्तारी
जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले में पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के चार ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को गिरफ्तार किया है। इन ओजीWs का आतंकवादी समूहों से गहरा संबंध था और वे सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय नागरिकों पर हमले की योजना बना रहे थे। पुलिस ने बताया कि इन ओजीWs को गिरफ्तार करने के बाद, उनके पास से बड़ी मात्रा में अवैध हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के इन सहयोगियों का मकसद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना था। इन गिरफ्तारियों से यह भी साफ होता है कि आतंकवादी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर्स सुरक्षाबलों के खिलाफ लगातार सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
बांदीपुरा और कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन्स
बांदीपुरा पुलिस ने अपने ऑपरेशन्स को और तेज किया है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने F-Coy 3rd BN-CRPF और 13 RR AJAS कैंप के साथ मिलकर सदुनारा अजास में एक नाकाबंदी की थी। इस दौरान रईस अहमद डार और मोहम्मद शफी डार को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से भी हैंड ग्रेनेड, 7.62 मिमी मैगजीन और 30 राउंड गोला-बारूद बरामद हुए। यह गिरफ्तारी आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा जारी प्रयासों को एक और सफलता की तरह देखी जा सकती है।
इसके अलावा, कुलगाम जिले के तंगमर्ग वन क्षेत्र में भी सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी रखा है। यह अभियान आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि तंगमर्ग क्षेत्र आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन चुका था।
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षाबलों की सर्चिंग अभियान
पिछले दिनों पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। सुरक्षाबलों ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बारामूला और उरी सेक्टर में भी आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया। उरी सेक्टर में 23 अप्रैल की सुबह, आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को सेना ने विफल कर दिया और दो आतंकियों को मार गिराया। सेना ने कहा कि वे आतंकवादियों के घुसने के प्रयास को रोकने में सफल रहे, और मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।
जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में मुठभेड़ जारी
जम्मू और कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन्स जारी हैं। अखनूर, किश्तवाड़, और पुंछ के इलाकों में कई मुठभेड़ों में आतंकवादियों को ढेर किया जा चुका है। किश्तवाड़ में 11 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया गया था, जिनमें एक शीर्ष कमांडर भी शामिल था।
इसके अलावा, कठुआ जिले में मार्च में तीन बड़े आतंकवादी ऑपरेशन्स हुए थे। हीरानगर सेक्टर में मार्च 23 को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के एक समूह को घेर लिया था, हालांकि वे भागने में कामयाब रहे थे। इन ऑपरेशन्स के दौरान SOG के चार जवान शहीद हो गए थे, और तीन अन्य जवान घायल हुए थे।
आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की रणनीति
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की रणनीति में निरंतर सुधार हो रहा है। सुरक्षाबलों ने न केवल आतंकवादियों के खिलाफ बल प्रयोग किया है, बल्कि उन्होंने आतंकवादियों की मदद करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स और स्थानीय सहयोगियों को भी पकड़ा है, जो आतंकवादियों के लिए समर्थन जुटाने का काम करते हैं। इसके अलावा, सेना और पुलिस ने गांवों और जंगलों में सर्च ऑपरेशन्स चलाए हैं, जहां आतंकवादी अपने ठिकाने बनाते हैं।
सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकाम करने के लिए LoC पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। इसके तहत, सुरक्षा बलों ने गति बढ़ाने वाली सर्च ऑपरेशन्स और जांच चौकियों की स्थापना की है, ताकि आतंकवादियों को सीमा पार करने से रोका जा सके।
जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ जारी सुरक्षा ऑपरेशन्स और मुठभेड़ों ने यह साबित किया है कि भारतीय सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नायक हैं। हालांकि इस संघर्ष में कई जवान शहीद हो चुके हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की रणनीति और मेहनत से आतंकवादियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
सुरक्षा बलों के इस संघर्ष में शहीद जवानों का बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। जम्मू और कश्मीर के लोग चाहते हैं कि उन्हें शांति मिले, और यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बल निरंतर काम कर रहे हैं। जम्मू और कश्मीर में शांति की बहाली के लिए सुरक्षा बलों की इस दृढ़ता और संघर्ष को नकारा नहीं किया जा सकता, और हम सभी को इस संघर्ष के प्रति समर्थन देना चाहिए।
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