KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता में हुए सीजफायर समझौते के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान की ओर से सीमा पर गोलीबारी, ड्रोन अटैक, और तकनीकी गड़बड़ी के चलते कच्छ में ब्लैकआउट जैसी घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं बताती हैं कि सीजफायर सिर्फ कागज़ पर रहा, ज़मीन पर नहीं।
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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की गोलीबारी
प्रमुख क्षेत्र जहां फायरिंग हुई:
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अखनूर सेक्टर
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राजौरी सेक्टर
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आरएसपुरा अंतरराष्ट्रीय सीमा
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पलनवाला सेक्टर
शनिवार देर रात पाकिस्तान की तरफ से मोर्टार और भारी गोलीबारी की गई, जिसे भारतीय सेना ने तुरंत जवाब देकर नियंत्रित किया। यह गोलीबारी सीजफायर के स्पष्ट उल्लंघन के रूप में दर्ज हुई है।
सेना के एक अधिकारी के अनुसार:
“हम सीजफायर के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। जवाबी कार्रवाई में हमने पाकिस्तानी ठिकानों को चुप करा दिया है।”
श्रीनगर और उधमपुर में ड्रोन गतिविधि
भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर और उधमपुर के आसमान में पाकिस्तान की तरफ से भेजे गए ड्रोन देखे। इस पर सेना ने तुरंत एंटी-ड्रोन सिस्टम को सक्रिय किया, जिससे सभी ड्रोन को या तो जाम कर दिया गया या गिरा दिया गया।
ड्रोन हमले के उद्देश्य:
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जासूसी (Surveillance)
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कम तीव्रता वाला विस्फोटक ले जाने का प्रयास
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सुरक्षा प्रतिक्रिया को परखना
इन ड्रोन हमलों को नवीनतम हाइब्रिड वारफेयर का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें युद्ध बिना पारंपरिक हथियारों के भी लड़ा जाता है।
अमृतसर में रेड अलर्ट जारी
श्रीनगर में ड्रोन गतिविधियों और सीमा पर गोलीबारी के बाद, पंजाब के अमृतसर शहर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई:
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रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और धार्मिक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा
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सीमा चौकियों और गांवों में गश्त बढ़ाई गई
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ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम की तैनाती
पंजाब पुलिस और बीएसएफ ने संयुक्त अभियान शुरू कर दिया है ताकि किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि को पहले ही रोका जा सके।
कच्छ में रहस्यमय ब्लैकआउट
गुजरात के कच्छ जिले के कई हिस्सों में शनिवार रात को अचानक बिजली गुल हो गई, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया।
प्रभावित क्षेत्र:
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भुज
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लखपत
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रापर तालुका
हालांकि इस ब्लैकआउट की आधिकारिक वजह तकनीकी खराबी बताई गई है, लेकिन समय और क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए साइबर हमले या पाकिस्तानी हस्तक्षेप की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता।
कच्छ क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और सामरिक महत्व को देखते हुए यह ब्लैकआउट चिंता का विषय है।
सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
पाकिस्तान द्वारा एक साथ कई मोर्चों पर सुरक्षा को चुनौती देने के बाद, भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
प्रमुख कदम:
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वायुसेना बेस (श्रीनगर, पठानकोट, भुज) पूरी तरह सतर्क
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आर्मी यूनिट्स को पश्चिमी सीमा पर तैयार रहने के निर्देश
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नौसेना की पश्चिमी कमान भी सतर्क, कच्छ तट पर निगरानी बढ़ी
सीजफायर समझौते की विश्वसनीयता पर सवाल
10 मई को दोनों देशों ने अमेरिका की मध्यस्थता में सीजफायर समझौता किया था, जिसके तहत:
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भूमि, आकाश और समुद्र में सभी तरह की सैन्य गतिविधि पर रोक
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DGMO स्तर पर नियमित संवाद
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नागरिक क्षेत्रों में शांति की बहाली
लेकिन पाकिस्तान द्वारा 24 घंटे के भीतर ही सीजफायर तोड़ देना, इस समझौते की प्रामाणिकता और मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय (MEA):
भारत ने पाकिस्तान के इस व्यवहार को विश्वासघात करार देते हुए कहा:
“भारत क्षेत्रीय शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा।”
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया:
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विपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान पर भरोसा कैसे किया गया।
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सत्तारूढ़ दल ने कहा कि भारत जवाब देने में सक्षम है और समय आने पर उचित कदम उठाएगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राज्य अमेरिका:
संयुक्त राज्य अमेरिका, जिसने इस सीजफायर की मध्यस्थता की थी, ने इस उल्लंघन पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल संघर्ष विराम बनाए रखने और संवाद के माध्यम से हल निकालने की बात कही है।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ हालिया सीजफायर समझौता अभी ठीक से लागू भी नहीं हो पाया था कि पाकिस्तान ने अपनी पारंपरिक चालबाजी से पीछे हटते हुए हमला कर दिया। ड्रोन से लेकर ब्लैकआउट तक की घटनाएं यह दिखाती हैं कि हमें सतर्कता नहीं छोड़नी चाहिए।
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