KKN गुरुग्राम डेस्क | जम्मू और कश्मीर में पिछले 24 घंटों से लगातार मूसलधार बारिश ने प्राकृतिक आपदा का रूप ले लिया है। 19 अप्रैल 2025 को सुबह 8:30 बजे से शुरू हुई यह बारिश अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। जम्मू और कश्मीर के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश, बादल फटना, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियां बन गई हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। कई घरों के जमींदोज होने और बड़ी संख्या में लोगों के प्रभावित होने की खबरें आई हैं। इस लेख में हम आपको जम्मू और कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
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जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से मची तबाही
जम्मू और कश्मीर में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है, और यह अब एक गंभीर प्राकृतिक आपदा बन चुका है। जहां देश के बाकी हिस्सों में गर्मी का प्रकोप जारी है, वहीं जम्मू और कश्मीर में मूसलधार बारिश ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। रियासी, रामबन, किश्तवाड़ और श्रीनगर जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है, और कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है।
बादल फटने की घटनाओं के कारण कई घर जलमग्न हो गए हैं, और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। अभी तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि सड़कें और नदियाँ उफान पर हैं और यातायात ठप हो चुका है। घरों में पानी घुसने और बाढ़ के कारण बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
रामबन और किश्तवाड़ में बाढ़ और भूस्खलन
रामबन और किश्तवाड़ जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं ज्यादा सामने आ रही हैं। रामबन जिले के धरमकुंड इलाके में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे 10 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और कई घरों को आंशिक नुकसान हुआ। चिनाब नदी के पास एक नाले का पानी गांव में घुसने के कारण यह स्थिति पैदा हुई। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत कार्य शुरू कर दिया है।
किश्तवाड़ जिले के पाथरनेकी-पाढर रोड पर लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे 20 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। यह क्षेत्र अभी भी खतरे में है, और स्थानीय लोग सुरक्षा के इंतजार में हैं। भूस्खलन के चलते कई सड़कों पर पत्थर और कीचड़ गिरने से यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पूरी तरह बंद
जम्मू और कश्मीर का जीवन रेखा माने जाने वाला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण पूरी तरह से बंद हो चुका है। सड़क पर गिरते पत्थरों और कीचड़ के कारण यात्रा पूरी तरह से रुक गई है। सुरक्षा कारणों से उधमपुर से श्रीनगर की ओर जाने वाली किसी भी प्रकार की गाड़ियों को अनुमति नहीं दी जा रही है। सैकड़ों गाड़ियाँ फंसी हुई हैं, और जरूरी सामान की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे फिलहाल इस मार्ग पर यात्रा से बचें।
झेलम नदी का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा
झेलम नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। हालांकि, बाढ़ का बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन नदियों के किनारे स्थित इलाकों में अचानक बाढ़ आ सकती है। सरकार ने स्थानीय निवासियों को चेतावनी दी है कि वे सतर्क रहें और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें। इसके अलावा, कई क्षेत्रों में नदियाँ उफान पर हैं और लोग उन इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए पलायन कर रहे हैं।
आसमानी बिजली गिरने से 2 लोगों की मौत
जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के अरनास तहसील में आसमानी बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब एक खानाबदोश परिवार डुग्गा धंसाल के चुंटा गली वन क्षेत्र में डेरा डाले हुए था। इस हादसे में एक महिला घायल हो गई और 40-50 भेड़-बकरियों की भी जान चली गई। यह घटना बारिश के दौरान उत्पन्न होने वाली खतरनाक स्थितियों का एक उदाहरण है, जिससे कई लोग प्रभावित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का दुख व्यक्त
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रामबन और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “रामबन में हुए दुखद भूस्खलन और बाढ़ से जानमाल को हुए नुकसान से मैं बेहद व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और राहत कार्य जारी हैं। हमारी प्राथमिकता अब प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य और राहत पहुंचाना है।”
उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी और मरम्मत, राहत कार्यों की योजना पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे संवेदनशील इलाकों में यात्रा करने से बचें और प्रशासन द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करें।
आने वाले दिनों में मौसम और खराब हो सकता है
मौसम विभाग ने अगले 24-48 घंटों के लिए चेतावनी जारी की है, जिसमें भारी बारिश, तेज हवाएं और तूफान की संभावना जताई गई है। यह मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ का आखिरी प्रभाव होगा। विभाग ने कश्मीर क्षेत्र में ओलावृष्टि और तूफान की संभावना भी जताई है। इसके साथ ही, उफान पर बहने वाली नदियों के कारण बाढ़ जैसी स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
स्थानीय प्रशासन इस समय लगातार स्थिति पर निगरानी रख रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर रहें।
जम्मू और कश्मीर में हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं राज्य के लिए एक बड़ी आपदा बन चुकी हैं। कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं, जिससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन मौसम की स्थिति और बिगड़ सकती है, जिससे संकट और गहरा सकता है।
सरकार और प्रशासन की ओर से जारी की गई चेतावनियों का पालन करना बेहद जरूरी है ताकि जानमाल का नुकसान कम किया जा सके। नागरिकों से अपील की जाती है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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