राजीतिक विरोध की वेदी पर जीवन की बली
KKN न्यूज ब्यूरो। भारत की राजनीति में विरोध की बिडम्बना अब जीवन पर भारी पड़ने वाला है। हमारे कई बड़े नेता जनता कर्फ्यू का सिर्फ इसलिए विरोध कर रहें कि इसकी घोषणा पीएम मोदी ने की है। कई लोग अनजाने में और बिना जाने समझे सोशल साइट पर इसका मजाक बना रहें है। दरअसल, ऐसे लोगो को मालुम होना चाहिए कि कोई भी वायरस निर्जिव वस्तु पर 12 से 14 घंटा तक ही जीवित रहता है और यदि इस अवधि में वायरस को इंसान का कैरियर नहीं मिले तो वह अपने आप मर जायेगा। अब आप सोचिए कि यदि 24 घंटे हम अपने घरो में रह जाये तो पूरा भारत अपने आप सैनेटाइज हो जायेगा और करीब 30 फीसदी वायरस मर जायेगा। यानी जिस काम के लिए दुनिया के कई बड़े देश करोड़ो रुपये खर्च कर रहें है, वह काम हम खुद को अपने घरो में कैद करके कर सकतें हैं।
भारत के कंसेप्ट की दुनिया के डॉक्टरो ने की सराहना
दुनिया के कई डाक्टर भारत के इस कंसेप्ट से हैरत में है। डॉक्टरो के मुताबिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके मुंह के लार की छीटें या तो पास खड़े व्यक्ति पर जा पड़ती है, या फिर आसपास की वस्तुओं की सतह पर चिपक जाती हैं। यहां तक के मेटल पर भी कोरोना संक्रमण का सर्वाइवल बन जाता है। ऐसे में संक्रमित वस्तुओं की सतह मात्र के छूने से वह संक्रमण व्यक्ति के हाथ में चला जाता है। संक्रमित व्यक्ति जब हाथ से अपना नाक, मुंह या फिर आंख को छूता है तो वह संक्रमित हो जाता है और फिर उसके संपर्क में आने वाला अगला व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। यानी यह एक पूरा सर्किल बना लेता है। चिकित्सकों का मानना है कि यह वायरस किसी व्यक्ति को कैरियर यानी वाहक बनाए बिना केवल 12 से 14 घंटे तक ही जीवित रह सकता है। प्रधानमंत्री की अपील के पीछे मंशा बस यही है कि संक्रमण को 14 घंटे तक कैरियर न मिल पाए और सदि ऐसा हुआ तो अमूमन 30 फीसदी वायरस 24 घंटे के भीतर मर जायेगा और हमारी लड़ाई आसान हो जायेगी। ऐसे में इस अभियान का विरोध करके या मजाक उड़ा कर हम अपना ही नुकसान करेंगे।
जनता कर्फ्यू एक कारगर तरीका
प्रधानमंत्री ने देश की जनता से रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की है। इसका मूल मकसद कोरोना के वायरस के चक्र को तोड़ना है ताकि इसके फैलाव को शीघ्र रोका जा सके। इस अपील का वैज्ञानिक आधार हम आपको पहले ही बता चुकें है। दरअसल, यह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एक कारगर तरीका है। लोग एक दूसरे से नहीं मिलेंगे तो कोरोना को नए कैरियर नहीं मिल पाएंगे। जानकारों का मानना है कि 14 घंटे के ब्रेक से संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। जाहिर तौर पर जनता कर्फ्यू से संक्रमण का खतरा कम होगा। इसलिए प्रधानमंत्री की अपील को गंभीरता से लें और एक सभ्य व अनुशासित नागरिक होने का परिचय दें।
जानकारी ही बचाव है
कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम कोरोना संक्रमण से खुद का बचाव कर सकतें है। बाद के दिनो में भी सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। लिफ्ट का प्रयोग करने से बचें। कॉमन कोरिडोर के दरवाजों के हैंडल को छूने से बचें। किसी भी कॉमन वस्तु को छूने के तुरंत बाद साबुन-पानी से हाथ धोएं या फिर सैनिटाइजर से हाथों को साफ करें। बार-बार अपने हाथों को चेहरे पर न लगाएं। किसी व्यक्ति के खांसने या छींकने पर कुछ समय के लिए सांस रोक लें और तत्काल अपने शरीर को सैनिटाइज करें। कमरे का तापमान ज्यादा रखें। इसके अलावा घर को हवादार बनाए रखें। दूसरों के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करें। अफवाह से बचें और खुद भी अफवाह नहीं फैलाएं। कोरोना वायरस को गंभीरता से लें और इसको लेकर मजाक नहीं बनाएं।