KKN न्यूज ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 रोज के लिए पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। मंगलवार की रात 12 बजे से पीएम का यह आदेश लागू हो जायेगा। यानी 14 अप्रैल तक पूरा देश लॉकडाउन रहेगा। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम मोदी ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बार-बार जोर देकर लोगों से अपील की कि वे अपने घरों से किसी भी कीमत पर नहीं निकलें और अगले 21 दिनों के लिए खुद को घरों में कैद कर लें।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर आप 21 दिन घरों से बाहर निकले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अगले 21 दिनों तक लक्ष्मण रेखा खींचना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद चुनौती बढ़ती जा रही है। सभी देशों के दो महीने के अध्ययन से निष्कर्ष निकल रहा है कि इस वैश्विक महामारी से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दूर रहना। अपने घर में ही बंद रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के साइकल को तोड़ना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीजों के लिए जरूरी है। यह सोचना सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और सदस्य के लिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही कुछ लोगों की गलत सोच आपको आपके बच्चों को आपके दोस्तों को आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से देश के अनेक भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। कहा कि इस लॉकडाउन की आर्थिक कीमत देश को चुकानी होगी। लेकिन एक एक भारतीय के जीवन को बचाना मेरी, भारत सरकार की हर राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति हफ्तेभर में सैकड़ों लोगों को संक्रमित करता है। यह आग की तरह फैलता है। एक और आंकड़ा महत्वपूर्ण है। दुनिया में कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या एक लाख पहुंचने में 67 दिन लगे इसके बाद 11 दिन में 2 लाख हो गए। यह और भी भयावह है कि 2 लाख से 3 लाख होने में सिर्फ चार दिन लगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैलता है। जब यह फैलना शुरू करता है तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होता है। यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे अनेक देशों में जब कोरोना ने फैलना शुरू किया तो हालाता बेकाबू हो गए। इटली हो या अमेरिका इन देशों की स्वास्थ्य सेवा उनके हॉस्पिटल पूरी दुनिया में बेहतरीन है। इसके बावजूद ये देश कोरोना के फैलाव को रोक नहीं पाए।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें इसके चेन को तोड़ना है। कहा कि भारत आज उस स्टेज पर है जहां आज हमारे एक्शन तय करेंगे कि हम इस आपदा को कितना कम कर सकते हैं। यह समय हमारे संकल्प को बार बार मजबूत करने का है। यह समय संयम बरतने का है। आपको याद रखना है जान है तो जहान है। यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है। हमें अपना संकल्प निभाना है अपना वचन निभाना है। मेरी आपसे हाथ जोड़ प्रार्थना है कि आप घरों में रहकर उनके लिए मंगलकामना करिए जो खुद को खतरे में डालकर काम कर रहे हैं। डॉक्टर, नर्स पैथोलॉजी। उनके बारे में सोजिए जो इस महामारी से बचाने के लिए दिनरात अस्पताल में काम कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के लिए एंबुलेंस चलाने वाले चालक, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी दूसरों की सेवा कर रहे हैं। उनके लिए मंगलकामना करिए जो आपके इलाके को सैनिटाइज करने में जुटे हैं। आपको सही जानकारी देने के लिए 24 घंटे काम कर रहे मीडिया के बारे में भी सोचिए। जो संक्रमण का खतरा उठाकर निकलते हैं। आप पुलिस के बारे में सोचिए जो आपको बचाने के लिए दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। कई बार कुछ लोगों की गुस्ताखी और गुस्से का भी शिकार हो जाते हैं। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं। रोजमर्रा के जीवन में लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए काम कर रही है। लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। निश्चित तौर पर संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए भी बहुत मुश्किल लेकर आई है। सरकार और सिविल सोसायटी के लिए इनकी मदद में जुटे हैं। अनेकों लोग साथ आ रहे हैं।
This post was published on मार्च 24, 2020 21:52
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