भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और निर्माता धीरज कुमार का मंगलवार को मुंबई में निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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जानकारी के अनुसार, धीरज कुमार को निमोनिया की गंभीर स्थिति के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में तबीयत और बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर्स उन्हें नहीं बचा सके।
धीरज कुमार का असली नाम धीरज कोचर था। उन्होंने बॉलीवुड, पंजाबी सिनेमा और टेलीविजन में दशकों तक योगदान दिया। उन्होंने साल 1986 में Creative Eye Limited नामक प्रोडक्शन हाउस की नींव रखी थी, जो आगे चलकर टीवी इंडस्ट्री का बड़ा नाम बना।
परिवार ने पुष्टि की मौत की वजह
परिवार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उन्हें निमोनिया के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया। लेकिन तमाम मेडिकल प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उनके निधन के बाद फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर #DheerajKumar और #VeteranActor जैसे ट्रेंड्स चलने लगे।
बहुमुखी कलाकार: सिनेमा, टेलीविजन और प्रोडक्शन में था योगदान
धीरज कुमार ने कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘संग्राम’ और ‘बहरूपिया’ जैसी फिल्में शामिल हैं। 1970 से 1984 के बीच उन्होंने 21 पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। 1977 की फिल्म ‘स्वामी’ का लोकप्रिय गीत “का करूं सजनी, आए ना बालम” उन्हीं पर फिल्माया गया था।
उनकी अन्य चर्चित फिल्मों में हीरा पन्ना, रातों का राजा (मुख्य भूमिका में) और श्रीमान श्रीमती शामिल हैं।
टीवी इंडस्ट्री में छाप छोड़ने वाला नाम
धीरज कुमार ने 1986 में जब Creative Eye Limited की शुरुआत की, तो उन्होंने इंडियन टेलीविजन में कंटेंट का नया चेहरा पेश किया।
उनके कुछ लोकप्रिय टीवी शो:
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ओम नमः शिवाय (1997) – पौराणिक सीरियल जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया
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घर की लक्ष्मी बेटियां – महिलाओं पर केंद्रित सामाजिक ड्रामा
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मिली, मायका, ये प्यार ना होगा कम – 2000s के पॉपुलर फैमिली शो
2019 में उन्होंने Ishq Aaj Kal नाम की वेब सीरीज भी प्रोड्यूस की, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हुई थी।
करियर की शुरुआत: टैलेंट शो से फिल्मों तक
धीरज कुमार 1965 में Filmfare & United Producers के टैलेंट हंट के फाइनलिस्ट थे। इस लिस्ट में राजेश खन्ना और सुभाष घई भी थे। राजेश खन्ना विजेता बने, जबकि धीरज को फिल्मों में एंट्री मिली।
धीरज ने कई टीवी विज्ञापनों में भी काम किया था, जिनमें Vicks Action 500 जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं।
पंजाबी सिनेमा में भी गहरी छाप
उन्होंने पंजाबी सिनेमा में भी अहम योगदान दिया। 1970 और 80 के दशक में उन्होंने सामाजिक मुद्दों और पारिवारिक मूल्यों पर आधारित कई हिट फिल्में दीं। पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और जालंधर में आज भी उनकी फिल्मों की यादें ताज़ा हैं।
निर्देशन और कहानी कहने की कला में भी निपुण
निर्देशक के तौर पर उन्होंने पौराणिक और सामाजिक विषयों को खास तरजीह दी। ओम नमः शिवाय को आज भी टेलीविजन इतिहास की बेहतरीन पौराणिक सीरीज माना जाता है।
इसके अलावा, उनके पारिवारिक ड्रामे जैसे मायका और घर की लक्ष्मी बेटियां ने भी टेलीविजन दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
भारतीय टेलीविजन में उनकी विरासत
धीरज कुमार को “Sanskari TV Content Ka King” कहा जाता था। उनके प्रोडक्शन हाउस ने दूरदर्शन के समय से लेकर ZEE TV और Colors जैसे चैनलों तक लगातार हिट शो दिए।
उन्होंने इंडस्ट्री में नए कलाकारों को मौका दिया, कई लेखकों और निर्देशकों को लॉन्च किया और पारंपरिक भारतीय मूल्यों को आधुनिक स्क्रिप्ट के जरिए पेश किया।
व्यक्तिगत जीवन और प्रेरणा
धीरज कुमार का जन्म 1 अक्टूबर 1944 को हुआ था। वे बेहद सादगीपूर्ण और धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे। उन्होंने मीडिया में ज्यादा उपस्थिति नहीं दिखाई, बल्कि हमेशा अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया।
उनके करीबी उन्हें डिसिप्लिन और डेडिकेशन का प्रतीक मानते थे।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सैलाब
उनके निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों की लाइन लग गई। यूजर्स ने उनकी पुरानी फिल्में, गाने और टीवी सीरियल्स की क्लिप्स शेयर कीं।
एक फैन ने लिखा, “Indian Television owes a lot to Dheeraj Kumar sir.” वहीं दूसरे ने कहा, “He brought Indian mythology and values to living rooms.”
अंतिम यात्रा और श्रद्धांजलि
उनकी अंतिम यात्रा मुंबई में होगी, जहां कई बॉलीवुड सितारे, टीवी कलाकार और इंडस्ट्री से जुड़े लोग शामिल होंगे।
कई हिंदी और पंजाबी चैनल्स ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष कार्यक्रम प्रसारित करने की घोषणा की है।
धीरज कुमार न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि Visionary Storyteller भी थे। उन्होंने मनोरंजन को एक नई दिशा दी, जहां परिवार, परंपरा और संस्कृति को सबसे ऊपर रखा गया।
उनका काम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। आज भले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनके बनाए शो, फिल्में और किरदार हमेशा जिंदा रहेंगे।
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