तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के अनुभवी अभिनेता और पूर्व विधायक कोटा श्रीनिवास राव का 14 जुलाई 2025 को 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह हैदराबाद के फिल्मनगर स्थित अपने निवास पर अंतिम सांसें ले रहे थे। उम्र संबंधी बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं से लंबे समय तक जूझने के बाद, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से न केवल टॉलीवुड बल्कि सम्पूर्ण भारतीय सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
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एक बहुआयामी अभिनेता
कोटा श्रीनिवास राव ने अपने चार दशकों से भी लंबे फिल्मी करियर में विलेन, सह-कलाकार, हास्य कलाकार और कभी-कभी मुख्य भूमिकाओं में अभिनय किया। उनका अभिनय बेहद स्वाभाविक, भावपूर्ण और दर्शकों से जुड़ने वाला था। वे तेलुगु के अलावा तमिल, हिंदी, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं की फिल्मों में भी सक्रिय थे।
उन्होंने 750 से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनमें से:
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30 तमिल फिल्में
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10 हिंदी फिल्में
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8 कन्नड़ फिल्में
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1 मलयालम फिल्म शामिल हैं।
उनकी आखिरी फिल्म ‘सुवर्ण सुंदरि’ (तेलुगु) 2023 में रिलीज़ हुई थी।
जन्म और प्रारंभिक जीवन
कोटा श्रीनिवास राव का जन्म 10 जुलाई 1942 को कृष्णा ज़िले के कंकिपाडु (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। वह एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध परिवार से थे। उनके पिता कोटा सीताराम अनासूयम्मा ने बचपन से ही उन्हें अभिनय के लिए प्रोत्साहित किया। विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने रंगमंच पर अभिनय करना शुरू कर दिया था।
फिल्मों में आने से पहले उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की और साथ-साथ थिएटर में अभिनय करते रहे। अभिनय के प्रति समर्पण ने उन्हें अंततः पूरी तरह सिनेमा की ओर मोड़ दिया।
फिल्मों में करियर की शुरुआत
कोटा श्रीनिवास राव ने फिल्मों में पदार्पण 1978 में ‘प्राणम खरीडू’ नामक तेलुगु फिल्म से किया। धीरे-धीरे उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बना ली। वे उन चुनिंदा अभिनेताओं में थे जो अपने संवाद, हावभाव और भूमिका में गहराई से जान फूंक देते थे।
उनकी कुछ यादगार फिल्मों में शामिल हैं:
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‘आहा ना पेल्लंता’ (हास्य भूमिका)
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‘प्रतिघटना’ (विलेन के रूप में प्रभावशाली)
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‘हैलो ब्रदर’, ‘चिंटकायला रवि’ (कॉमिक रोल्स)
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‘गायम’, ‘टैगोर’ (गंभीर और राजनीतिक किरदार)
पुरस्कार और सम्मान
उनकी अभिनय प्रतिभा को कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वे 9 बार नंदी अवार्ड (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा) से नवाजे गए। यह पुरस्कार तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
वर्ष 2015 में उन्हें भारत सरकार ने ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया। यह भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। उन्हें यह सम्मान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों मिला था।
राजनीति में भी निभाई भूमिका
कोटा श्रीनिवास राव का योगदान सिर्फ सिनेमा तक सीमित नहीं था। वे 1999 से 2004 तक भाजपा के टिकट पर विजयवाड़ा ईस्ट विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे। अपनी राजनीतिक पारी के दौरान उन्होंने शिक्षा, सड़क, बिजली और समाज कल्याण से जुड़े कई मुद्दों पर काम किया। उन्होंने अपने क्षेत्र में जनसमस्याओं को लेकर सक्रिय भूमिका निभाई।
पारिवारिक जीवन और व्यक्तिगत क्षति
कोटा श्रीनिवास राव अपने पीछे पत्नी रुक्मिणी और दो बेटियां छोड़ गए हैं। उनका बेटा कोटा प्रसाद राव, जो खुद भी फिल्मों में कदम रख चुका था, 2010 में हैदराबाद में एक सड़क दुर्घटना में असमय निधन हो गया था। यह घटना कोटा के जीवन का सबसे बड़ा व्यक्तिगत आघात था।
नेताओं और फिल्म जगत से शोक संवेदनाएं
उनके निधन पर देश के कई नेताओं और फिल्म हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
“कोटा श्रीनिवास राव गरु के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अपनी बहुमुखी अभिनय प्रतिभा से कई पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध किया। वे सामाजिक सेवा में भी अग्रणी रहे और गरीबों के उत्थान के लिए कार्य किया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू:
“पद्म श्री से सम्मानित अभिनेता कोटा जी ने पीढ़ियों तक दर्शकों को अपने अभिनय से बांधे रखा। उनके जाने से अपूरणीय क्षति हुई है।”
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल अब्दुल नज़ीर:
“कोटा जी ने रंगमंच और सिनेमा दोनों में ऐसा प्रभाव छोड़ा है, जिसे वर्षों तक याद किया जाएगा।”
वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी:
“उनकी अभिनय विरासत और सिनेमा पर प्रभाव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।”
कोटा श्रीनिवास राव की विरासत
कोटा श्रीनिवास राव न सिर्फ एक अभिनेता थे, बल्कि वे तेलुगु सिनेमा की आत्मा थे। उनकी भूमिकाएं किसी भी फिल्म को जीवन देती थीं। वे एक ऐसे अभिनेता थे जो हर किरदार में जान डाल देते थे – चाहे वह एक निर्दयी खलनायक हो, एक मजाकिया चाचा हो या फिर एक गम्भीर पिता का किरदार।
उनका निधन भारतीय सिनेमा के एक ऐसे युग का अंत है जो अभिनय की गंभीरता, प्रतिबद्धता और विविधता को समर्पित था।
कोटा श्रीनिवास राव जैसे अभिनेता बार-बार नहीं आते। उन्होंने अपने अभिनय से सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके जाने से एक ऐसी शून्यता उत्पन्न हुई है जिसे भर पाना मुश्किल है। उनके किरदार, संवाद और अंदाज आने वाले कलाकारों को प्रेरित करते रहेंगे।
कोटा श्रीनिवास राव को श्रद्धांजलि – आपका योगदान सदा अमर रहेगा।
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