Education & Jobs

भारत के संविधान निर्माण में महिलाओं का योगदान

संविधान दिवस पर विशेष

क्या आपको मालुम है कि भारत के संविधान निर्माण में अन्य विभूतियों के अलावा 15 महिलाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है? दरअसल, आज संविधान दिवस है। स्मरण रहें कि आज ही के दिन, यानी 26 नवंबर 1949 को भारत गणराज्य का संविधान तैयार हुआ था। सरकार ने पहली बार 2015 में संविधान दिवस को सरकारी तौर पर मनाने का फैसला किया और तब से प्रत्येक वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में याद किया जाता है।

सेंट्रल लाइब्रेरी के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित है मूल प्रति

दरअसल, संविधान दिवस मनाने का मकसद यह है कि नागरिकों को संविधान के प्रति सचेत किया जाये और समाज में संविधान के महत्व का प्रसार किया जाये। आपको बतातें चलें कि संविधान लागू होने के दो दिन पहले, यानी 24 जनवरी 1950 को संविधान की तीन प्रतियों पर संविधान सभा के सभी 308 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। यह तीनों प्रतियां संसद भवन की सेंट्रल लाइब्रेरी में बने स्ट्रांग रूम में आज भी सुरक्षित है। संविधान के पारित होते ही काफी देर तक वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारों से संसद का केंद्रीय कक्ष गूंजता रहा था। इसके बाद अरुणा आसफ अली की बहन पूर्णिमा बनर्जी ने राष्ट्रगान गाया था। संविधान पर सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने हस्ताक्षर किए थे।

संविधान के 22 भागों में बना है 22 चित्र

भारत के संविधान के सभी 221 पेज पर चित्र बने है। इस चित्र को सजाने काम का काम आचार्य नंदलाल बोस को सौंपा गया था। उनके मार्गदर्शन में उनके शिष्यों ने संविधान को डिजाइन देने का काम किया था। इस काम में उन्हें चार साल लगे थे। इसके लिए उन्हें 21 हजार रुपये मेहनताना दिया गया था। संविधान के सबसे अहम पेज ‘प्रस्तावना’ को अपनी कला से सजाने का काम राममनोहर सिन्हा ने किया। वह नंदलाल बोस के एक शिष्य थे।

मूल प्रति से जुड़ी अहम बातें

भारत का मूल संविधान 16 इंच चौड़ा है और यह 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है। इस पांडुलिपि में 251 पृष्ठ शामिल है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि आज ही के दिन बाबा साहब ने संविधान सभा को संबोधित किया था।

संविधान सभा के संकल्प

हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

इतने दिन में हुआ तैयार

बतातें चलें कि संविधान को तैयार करने में 2 वर् 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ था और 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था। इसे दिल्ली निवासी प्रेम बिहारी रायजादा ने तैयार किया था। पंडित नेहरू ने प्रेम बिहारी रायजादा से संविधान की प्रति लिखने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। हालांकि, उन्होंने अपनी एक शर्त रख दी। शर्त के मुताबिक उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम और अंतिम पृष्ठ पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रखी थी, जिसे सरकार ने मान लिया था।

This post was published on %s = human-readable time difference 18:34

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Videos

पर्ल हार्बर से मिडिल ईस्ट तक: इतिहास की पुनरावृत्ति या महाविनाश का संकेत?

7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More

नवम्बर 20, 2024
  • Videos

लद्दाख की अनकही दास्तां: हिमालय की गोद में छिपे राज़ और संघर्ष की रोचक दास्तान

सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More

नवम्बर 13, 2024
  • Videos

भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी

आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More

नवम्बर 6, 2024
  • Videos

मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More

अक्टूबर 23, 2024
  • Videos

सम्राट अशोक के जीवन का टर्निंग पॉइंट: जीत से बदलाव तक की पूरी कहानी

सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक… Read More

अक्टूबर 16, 2024
  • Videos

बिन्दुसार ने चाणक्य को क्यों निकाला : मौर्यवंश का दूसरा एपीसोड

KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की… Read More

अक्टूबर 9, 2024