मुजफ्फरपुर। फर्जीवाड़े को लेकर सुर्खिया बटोर रही बिहार की शिक्षा व्यावस्था उपयोगिता प्रमाण पत्र को लेकर एक बार कटघरे में है। दरअसल, नेशनल ग्रीन कोर कार्यक्रम के तहत स्कूलों को मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र चार साल बाद भी नहीं दिया गया है। इस पर ऑडिट टीम ने आपत्ति जताई है और एक सप्ताह के भीतर उपयोगिता प्रमाण पत्र नही देने वाले प्रधान शिक्षक पर गबन का मामला चलाने का कड़े संकेत दिएं हैं।
ऑडिट टीम की सख्त टिप्पणी के बाद डीईओ ने सभी राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट, अल्पसंख्यक व मदरसा उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को एक सप्ताह के अंदर उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि निर्धारित समय के अंदर उपयोगिता जमा नहीं करने पर राशि गबन का मामला मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। पर्यावरण शिक्षा व जागरूकता के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्कूलों को 25 हजार रुपये दिये गये थे। चार साल बाद भी विभाग को स्कूलों की ओर से कार्यक्रम की रिपोर्ट व राशि खर्च करने का रिकॉर्ड नहीं दिया मिला है।
This post was published on नवम्बर 21, 2017 18:25
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