पटना. बिहार बोर्ड के पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर आनंद किशोर ने शनिवार को पदभार ग्रहण किया । पदभार संभालने के बाद उन्होंने बिहार बोर्ड में सुधार की कई घोषणाएं कीं । उन्होंने कहा कि अबतक जो योजनाएं सुधार के लिए बनाई गई थीं, उनमें से 20% काम बचा है और 80% काम पूरा हो गया है। सुधार की यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में बिहार बोर्ड में होनेवाली सारी प्रक्रिया कंप्यूटर से की जायेगी। इसके लिए बी एस ई बी – ई आर पी योजना शुरू की जाएगी। जिसमें बोर्ड के सभी विभाग व शाखाओं को पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड किया जायेगा। अध्यक्ष ने बताया कि बिहार बोर्ड कॉलेजों को मान्यता की प्रक्रिया को जल्द ऑनलाइन करने जा रहा है। इसके लिए कॉलेज एफिलिएशन ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जाएगा। जो भी स्कूल-कॉलेज अब मान्यता लेना चाहेंगे उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अगले एक से दो महीने में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। आवेदन के बाद संस्थानों को ऑनलाइन ही समय दिया जाएगा कि कितने दिनों में मान्यता मिलेगी। इससे फायदा यह होगा कि भ्रष्टाचार की जो भी कथित शिकायतें हैं वो खत्म हो जाएंगी।
आनंद किशोर ने कहा कि हर साल परीक्षा के बाद मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायतें आती हैं। शिक्षकों की लापरवाही से मूल्यांकन ठीक से नहीं होता। इसे सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे। गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों को दंडित किया जाएगा। बेहतर मूल्यांकन करनेवालों के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। जो त्रुटिरहित मूल्यांकन करेंगे उन्हें अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
इंटर काउंसिल कैंपस में एक और भवन बनाने की भी योजना बोर्ड की है। अध्यक्ष ने बताया कि इस भवन में स्कैनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। छत पर एक्स्ट्रा स्पेस क्रिएट किया जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि ओ एफ एस एस के जरिए हर साल इंटर कॉलेजों में नामांकन के लिए एक विंग विकसित किया जाएगा। इसके लिए पद सृजित किए जाएंगे। कई सारे नए पद भी सृजित किए जाएंगे, जिसमें डायरेक्टर आईटी, प्रोजेक्ट मैनेजर, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर जैसे पद हैं। पूरी प्रक्रिया जल्द ही विस्तार से बताई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रमंडलों में स्थित 9 रीजनल ऑफिसों के लिए एक रीजनल ऑफिस सेल बनाई जाएगी। इसका काम रीजनल ऑफिस की मॉनिटरिंग का होगा। सेल में ज्वाइंट सेक्रेटरी रीजनल ऑफिस की नियुक्ति की जाएगी।
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