Economy

भारतीय रुपया: 6 मार्च 2025 की अस्थिरता और विदेशी मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव

Published by
Shanaya

6 मार्च 2025 को भारतीय रुपया (INR) ने एक अस्थिर व्यापार सत्र का सामना किया, जिसमें शुरुआत तो सकारात्मक रही, लेकिन अंत में अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले इसकी वैल्यू में गिरावट आई। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज (Forex) मार्केट में, रुपया 5 पैसे गिरकर ₹87.11 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह उतार-चढ़ाव दिखाता है कि भारतीय रुपये की वैल्यू कई कारकों के प्रभाव में रहती है, जिनमें वैश्विक संकेतों का असर शुरुआती दौर में था, लेकिन घरेलू कारणों के चलते अंततः यह गिरावट की ओर बढ़ा।

वैश्विक और घरेलू संकेतों से मजबूती: शुरुआत सकारात्मक

रुपया गुरुवार को सकारात्मक रुझान के साथ खुला। यह ₹86.96 प्रति डॉलर पर कारोबार शुरू हुआ और कुछ समय के लिए ₹86.88 तक पहुंचा। इस शुरुआती मजबूती का कारण वैश्विक और घरेलू दोनों कारक थे। अमेरिकी सरकार द्वारा कनाडा और मेक्सिको से आयातित वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाने की योजना को स्थगित करने के निर्णय ने वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ₹1.9 ट्रिलियन की लिक्विडिटी बैंकिंग सिस्टम में डाली, जो घरेलू मुद्रा के लिए सहायक साबित हुई। यह लिक्विडिटी इन्फ्यूजन ओपन मार्केट पर्चेजेज (government securities) और USD/INR स्वैप के माध्यम से किया जाएगा।

आरबीआई की इस लिक्विडिटी सहायता के कारण रुपये में पहले सकारात्मक रुझान देखने को मिला, जिससे रुपए को थोड़ी मजबूती मिली। इसके बावजूद, घरेलू और विदेशी दोनों कारकों के कारण यह रुझान ज्यादा समय तक नहीं बना रह सका।

घरेलू बाजारों में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों की निकासी

रुपये की मजबूती ज्यादा देर नहीं टिक पाई। जैसे-जैसे दिन बढ़ा, घरेलू शेयर बाजारों में अस्थिरता और विदेशी निवेशकों की निकासी ने रुपया कमजोर किया। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव का असर निवेशकों की मानसिकता पर पड़ा, जिससे रुपया दबाव में आ गया। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों द्वारा ₹2,895.04 करोड़ की इक्विटी बिक्री ने भारतीय रुपया पर और दबाव डाला।

इसी प्रकार के पूंजी निकासी से घरेलू मुद्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। जब विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अपने निवेशों को बाहर निकालते हैं, तो भारतीय रुपया कमजोर पड़ जाता है, क्योंकि इसे डॉलर में तब्दील करने के लिए अधिक डॉलर की मांग होती है। इस कारण रुपया अपनी शुरुआती मजबूती को खोकर ₹87.11 प्रति डॉलर तक गिर गया।

वैश्विक आर्थिक संकेत और ब्रेंट क्रूड का प्रभाव

रुपये की गिरावट के बावजूद, वैश्विक संकेत मिश्रित रहे। डॉलर इंडेक्स, जो अमेरिकी डॉलर की ताकत को छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मापता है, 0.05 प्रतिशत बढ़कर 104.30 पर पहुंच गया। इस वृद्धि से डॉलर की ताकत बनी रही, जो रुपये के लिए नकारात्मक थी। साथ ही, ब्रेंट क्रूड की कीमत $69.70 प्रति बैरल के स्तर पर रही, जो वैश्विक तेल कीमतों में 0.58 प्रतिशत का इजाफा था। हालांकि, तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि ने भारतीय रुपये पर ज्यादा असर नहीं डाला क्योंकि कीमतें अभी भी पिछले कुछ महीनों की तुलना में अपेक्षाकृत कम थीं।

इसके अलावा, भारतीय शेयर बाजार भी मिश्रित संकेत दे रहा था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 73,709.70 पर बंद हुआ, जिसमें 20.53 अंक की गिरावट आई, यानी 0.03 प्रतिशत की कमी। इसी तरह, निफ्टी 22,326.55 अंक पर 10.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस गिरावट ने रुपये की कमजोरी को और बढ़ाया, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना रहा।

मजबूत घरेलू आंकड़े, फिर भी रुपया दबाव में

हालांकि, घरेलू आंकड़े कुछ हद तक सकारात्मक थे। एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में फरवरी में आठ महीने में सबसे तेज वृद्धि देखी गई। HSBC इंडिया सर्विसेस PMI बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स फरवरी में 56.5 से बढ़कर 59.0 हो गया, जो इस क्षेत्र में मजबूत विस्तार को दर्शाता है। इस वृद्धि का कारण मजबूत घरेलू और विदेशी मांग थी, जो अर्थव्यवस्था में तेजी ला रही थी।

यह वृद्धि हालांकि भारतीय रुपया की गिरावट को पूरी तरह से कवर नहीं कर पाई, क्योंकि अधिकतर असर घरेलू और वैश्विक बाजारों की अस्थिरता पर था।

रुपये के अस्थिर व्यवहार के प्रमुख कारण

रुपये की अस्थिरता का कारण कई कारक हैं। वैश्विक संकेत जैसे अमेरिकी डॉलर की ताकत और अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें प्रभाव डालती हैं। इसके अलावा, घरेलू कारक जैसे विदेशी निवेशकों का आना-जाना और शेयर बाजार की स्थिति रुपये की दिशा तय करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई लिक्विडिटी इन्फ्यूजन और मौद्रिक नीति की घोषणाएं भी रुपये के व्यवहार को प्रभावित करती हैं।

भारत की आर्थिक स्थिति भी कुछ हद तक रुपये की कमजोरी को समझाती है। जबकि सेवाओं के क्षेत्र में सुधार हो रहा है, अन्य क्षेत्रों में निरंतर विकास की आवश्यकता है। इसके अलावा, महंगाई और वित्तीय अनुशासन के मुद्दे भी रुपये की स्थिरता को प्रभावित करते हैं।

अंतिम निष्कर्ष: रुपये की कमजोरी और आगामी संभावनाएं

6 मार्च 2025 को भारतीय रुपया पहले तो मजबूत हुआ था, लेकिन विदेशी निवेशकों के पूंजी निकासी और घरेलू शेयर बाजारों की अस्थिरता ने उसे कमजोर कर दिया। वैश्विक संकेत भी मिश्रित थे, जिनका रुपये पर नकारात्मक असर पड़ा।

आने वाले समय में, भारतीय रुपया वैश्विक आर्थिक कारकों, विदेशी पूंजी प्रवाह और घरेलू आर्थिक संकेतों पर निर्भर करेगा। अगर भारत में निवेश बढ़ता है और शेयर बाजार स्थिर रहते हैं, तो रुपये को मजबूती मिल सकती है। इसके अलावा, आरबीआई की नीतियां और लिक्विडिटी प्रबंधन रुपये की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करेंगे।

वैश्विक और घरेलू दोनों कारकों के प्रभाव को देखते हुए, भारतीय रुपया भविष्य में फिर से मजबूत हो सकता है, यदि घरेलू आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और विदेशी निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास दिखाते हैं।

This post was published on मार्च 6, 2025 16:00

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Shanaya

Show comments
Share
Published by
Shanaya

Recent Posts

  • Entertainment

Celebrity MasterChef India 2025: कौन बना विनर? टॉप 3 फाइनलिस्ट की रैंकिंग और रनर-अप की डिटेल्स!

Celebrity MasterChef India का ग्रैंड फिनाले आखिरकार आ चुका है, और फैंस जानने के लिए बेताब… Read More

मार्च 11, 2025
  • World

पाकिस्तान में ट्रेन हाइजैक: BLA ने जाफर एक्सप्रेस को किया हाईजैक, यात्रियों को बनाया बंधक

पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में एक बार फिर से खौफनाक घटना घटित हुई है,… Read More

मार्च 11, 2025
  • National

IndusInd Bank Stock: क्यों IndusInd Bank का स्टॉक आज 26% गिरा? और इसका मतलब क्या है?

IndusInd Bank, भारत के प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंकों में से एक, आजकल चर्चा में है… Read More

मार्च 11, 2025
  • Sports

रोहित शर्मा ने ‘Silent Hero’ की तारीफ की, विराट कोहली और अन्य खिलाड़ियों के साथ बनाई अहम साझेदारियां

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा। रोहित शर्मा की कप्तानी में… Read More

मार्च 11, 2025
  • Entertainment

शाहरुख खान  के Mannat की Renovation पर रोक? Activist ने NGT में की शिकायत

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान  का मशहूर बंगला Mannat जल्द ही renovation के लिए तैयार था, लेकिन अब इस प्लान… Read More

मार्च 11, 2025
  • Society

गोल्ड और सिल्वर की कीमतें 11 मार्च 2025: MCX पर गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में उछाल, शहर दरें चेक करें

11 मार्च 2025 को, गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में एक शानदार उछाल देखने को… Read More

मार्च 11, 2025