बजट सत्र 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर सोनिया गांधी की टिप्पणी से मचा सियासी तूफान

Congress Leader Sonia Gandhi’s Comment on President Droupadi Murmu Sparks Debate Amid Budget Session 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क |  बजट सत्र 2025 की शुरुआत 31 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुई। हालांकि, इस सत्र की चर्चा का केंद्र राष्ट्रपति का संबोधन नहीं, बल्कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का बयान बन गया।

सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उनकी शारीरिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं… वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी…”।

उनका यह बयान राजनीतिक विवाद का कारण बन गया। इस टिप्पणी के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई, और सोशल मीडिया पर भी यह विषय ट्रेंड करने लगा।

क्या कहा सोनिया गांधी ने?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और विकास योजनाओं पर बात की।

हालांकि, उनके लंबे भाषण के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

“राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं… वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी…”

उनका यह बयान कैमरे में रिकॉर्ड हो गया और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया

राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण के मुख्य बिंदु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र 2025 के पहले दिन में अपनी परंपरागत अभिभाषण में कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात की, जिनमें शामिल हैं:

✔ आर्थिक विकास और नए सरकारी योजनाएं।
✔ महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की नीतियां।
✔ डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन पर ज़ोर।
✔ रोजगार के अवसर बढ़ाने और युवाओं को सशक्त बनाने की योजनाएं।

हालांकि, सोनिया गांधी की टिप्पणी ने इन अहम मुद्दों से ध्यान हटा दिया और संसद की कार्यवाही पर एक नया विवाद छेड़ दिया

बीजेपी का पलटवार: सोनिया गांधी पर निशाना

सोनिया गांधी की इस टिप्पणी को लेकर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया

बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया

  • बीजेपी प्रवक्ता ने कहा:

    “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। सोनिया गांधी को राष्ट्रपति के पद की गरिमा का सम्मान करना चाहिए।”

  • एक केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया:

    “कांग्रेस महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानती। राष्ट्रपति मुर्मू सिर्फ भारत की राष्ट्रपति नहीं, बल्कि करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए।”

  • बीजेपी आईटी सेल प्रमुख ने लिखा:

    “महिला राष्ट्रपति पर ऐसी टिप्पणी करना कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। यह बेहद असंवेदनशील बयान है।”

बीजेपी नेताओं ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताते हुए सोनिया गांधी से माफी की मांग की

कांग्रेस ने किया बचाव: बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है

जब विवाद बढ़ा, तो कांग्रेस ने सोनिया गांधी के बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनकी मंशा किसी का अपमान करने की नहीं थी, बल्कि वह राष्ट्रपति की सेहत को लेकर चिंता जता रही थीं

  • कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा:

    “सोनिया गांधी का बयान सिर्फ सहानुभूति व्यक्त करने के लिए था। बीजेपी इसे अनावश्यक रूप से मुद्दा बना रही है।”

  • एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने प्रतिक्रिया दी:

    “राष्ट्रपति पद का सम्मान करना जरूरी है, लेकिन यह भी सच है कि भाषण लंबा था और इसमें कोई बुराई नहीं अगर कोई थक जाए।”

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर असली समस्याओं से ध्यान भटका रही है

सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया

यह विवाद सोशल मीडिया पर भी तेजी से चर्चा का विषय बन गया

✔ कुछ लोग सोनिया गांधी के बयान का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने सिर्फ चिंता व्यक्त की
✔ कुछ लोग इसे राष्ट्रपति का अपमान बता रहे हैं और सोनिया गांधी से माफी की मांग कर रहे हैं
✔ ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इस विषय को लेकर मेम्स और बहस तेज हो गई है।

#RespectThePresident, #SoniaGandhiControversy, #BudgetSession2025 जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे

क्या इस विवाद से प्रभावित होगा बजट सत्र 2025?

इस बजट सत्र का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक योजनाओं, बजट प्रावधानों और नीतियों पर चर्चा करना है। लेकिन इस विवाद के चलते सत्र की शुरुआत राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गई

बजट सत्र 2025 में मुख्य चर्चाएं:

???? वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट का प्रस्तुतिकरण।
???? महंगाई, रोजगार और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों पर बहस।
???? सरकारी योजनाओं और विकास परियोजनाओं का मूल्यांकन।

हालांकि, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह विवाद आगे बढ़ता है या जल्द ही राजनीतिक बहस से हटकर असली मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा

सोनिया गांधी की “राष्ट्रपति थक गई थीं” वाली टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है

✔ बीजेपी ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया और सोनिया गांधी से माफी की मांग की
✔ कांग्रेस ने इसे सहानुभूति भरा बयान बताया और राजनीतिक मुद्दा न बनाने की अपील की
✔ सोशल मीडिया पर जनता भी इस मुद्दे पर बंटी हुई नजर आ रही है

अब सवाल यह है कि क्या यह विवाद और बढ़ेगा, या सरकार और विपक्ष बजट सत्र की असल चर्चाओं पर लौटेंगे?

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