KKN न्यूज ब्यूरो। भारत चीन सीमा की पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15/16 जून की दरम्यानी रात चीन और भारत की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 19 जवानों की मौत हो गई। दूसरी ओर चीन के पीएलए के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 43 सैनिको के नुकसान का अनुमान है। सीमा पर चीन का हेलीकॉप्टर, स्ट्रेचर और एम्बुलेंस को देखा गया है। हालांकि, चीन की ओर इसकी अधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है। इधर, भारतीय सेना के एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि भारत और चीन की सेना गलवान इलाक़े से पीछे हट गई है। भारतीय सैनिको का एक दल वार्ता के लिए खाली हाथ पोस्ट पर गया था। वहां चीनी सैनिको ने उन पर लोहे के रड से हमला करके बड़ा विश्वास घात किया है। इसके बाद सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सोमवार को दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आर्मी प्रमुख के साथ समीक्षा बैठक की है। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। उधर, चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक़ पीपल्स लिबरेशन आर्मी के पश्चिमी थिएटर कमांड के प्रवक्ता चांग शुइली का बयान पीएलए के आधिकारिक वीबो अकाउंट पर पोस्ट किया गया है। इस बयान में चांग ने कहा है कि भारत सख़्ती से अपने सैनिकों को रोके और विवाद ख़त्म करने के लिए संवाद के रास्ते पर आये। चांग ने उल्टे भारतीय सैनिकों को दोषी करार दिया है। दोनों देशों की सेना पिछले महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में आमने-सामने है। पिछले महीने दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख के पंगोंग और सिक्किम के नाकुला में हाथापाई हुई थी और तब से ही तनाव कायम है। इसके बाद से सीमा पर दोनों देशों के सैनिक बड़ी संख्या में तैनात हैं।
भारत-चीन सीमा पर 1975 में यानी 45 साल पहले किसी सैनिक की मौत हुई थी। तब भारतीय सेना के गश्ती दल पर अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीनी सेना ने हमला किया था। इससे पहले 1967 में नाथुला में सीमा पर दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी और तीन रोज तक चली इस संघर्ष में चीन को बहुत नुकसान हो गया था। कहा जा रहा है कि इसका असर दोनों देशों के सभी द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा और 1993 से दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए जो समझौता हुआ था उस पर भी असर पड़ेगा। दोनों देशों के बीच सरहद पर पिछले 40 दिनों से तनाव है और अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। भारत ने साफ कर दिया है कि चीन को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल का सम्मान करना होगा। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को दो बार सीमा का उल्लंघन किया और चीनी सेना पर उकसाऊ हमला किया। यानी चीन और भारत दोनों ने एक दूसरे पर एलएसी का सम्मान नहीं करने का आरोप लगा रहा है। हालांकि, यहां चीन गलत बयानी कर रहा है और भारत को सतर्क रहना चाहिए।
This post was published on जून 17, 2020 11:45
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