KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार का ग्रामीण इलाका सिर्फ कोरोना वायरस के खतरो से ही नहीं लड़ रहा है। बल्कि, बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरो के लौटने और अचानक बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होने की खतरो से भी जूझ रहा है। गांव में इसका साइड इफेक्ट दिखने लगा है। चोरी की घटनाओं में अचानक तेजी आ गई है। मुजफ्पुरपुर के मीनापुर और सिवाईपट्टी थाना के इलाको में एक पखबारे के भीतर इंडियन बैंक की दो शाखा में चोरी का प्रयास, इसी ओर इशारा करती है। दूसरी ओर पुलिस के अधिकारी इसको गंभीरता से लेने को फिलहाल तैयार नहीं है। नतीजा, निकट भविष्य में ग्रामीण समाज में अपराध तेजी से पांव पसार लें, तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
अब जरा घटना पर गौर करिए। दरअसल, 11 मई से 25 मई के बीच मीनापुर और सिवाईपट्टी थाना के अंदर इंडियन बैंक की दो शाखा में चोरी का प्रयास होता है। पुलिस गिरोह का पर्दाफास करना तो दूर, एक अदद सुराग इखट्ठा करने में भी नाकाम हो जाती है। यानी घटना को अंजात देने वाला शातिर चोर छुट्टा घूम रहा है। इस बीच इंडियन बैंक ने ताबड़तोड़ चोरी की दो घटनाओं के बाद अपने उच्चाधिकारी को जांच का निर्देश दिया। 28 मई को सहायक महाप्रबंधक चन्द्रभूषण सिंह व जोनल सिक्योरिटी पदाधिकारी पंकज मिश्रा मीनापुर पहुंच कर जांच शुरू कर दी।
आरंभिक जांच के बाद अधिकारी द्वय ने मीडिया को जो बताया, वह चौकाने वाला है। अधिकारियों ने बताया कि 25 मई की रात 12.15 बजे सीसीटीवी कैमरा बंद हो जाता है। जाहिर है इसको किसी ने बंद किया होगा। हालांकि, इससे ठीक पहले तीन लोग टार्च की रौशनी में भीतर प्रवेस करते हुए सीसीटीवी में कैद हो चुका हैं। ये लोग कौन है? पुलिस के अधिकारी बतातें है कि हमे सीसीटीवी का फुटेज नहीं मिला है। इधर, बैंक के अधिकारी फुटेज जमा कर देने की बात कहतें है। अब कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच? पर, इतना तो तय है कि दो विभागो के हीलाहवाली का लाभ अपराधी उठा रहा है। बहरहाल, सहायक महाप्रबंधक ने रिजर्ब बैंक के गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी करके अपने कर्तव्य को पूरा कर लिया है।
इंडियन बैंक की मीनापुर और बनघारा शाखा में हुई चोरी पर गौर करें तो कई समानाएं देखने को मिल जाती है। मशलन, दोनों शाखा में चोरों ने खिड़की का ग्रिल तोड़कर बैंक में प्रवेश किया और दोनों जगह से गार्ड की वर्दी चोरी करके चोर अपने साथ ले गए हैं। इसके अतिरिक्त और भी कई समानताएं है, जो दोनों बैंक की चोरी में एक ही गिरोह के होने की ओर इशारा करती है। बनघारा में सीसीटीवी बंद था और मीनापुर में चोरो ने सबसे पहले सीसीटीवी को बंद कर दिया। इससे प्रतीत होता है कि गिरोह के लोग पहले से बैंक की रेकी कर चुके थे और सीसीटीवी से बचने का उनके पास फुलप्रुफ प्लान था। इतना अधिक समानता होने के बाद भी इंडियन बैंक की मीनापुर शाखा में 25 मई की रात और बनघारा शाखा में 11 मई की रात में चोरी का असफल प्रयास करने वाले गिरोह की पहचान नहीं होना, चौका देता है। बहरहाल, पुलिस ने दोनों मामले में अज्ञात चोरों पर एफआईआर दर्ज करके अनुसंधान का स्वांग भर रही है। किंतु, सच्चाई ये है कि पुलिस की तफ्तिश आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
सिवाईपट्टी थानाध्यक्ष कुमार संतोष रजक ने बतातें है कि बनघारा बैंक का सीसीटीवी बंद रहने से गिरोह का सुराग नहीं मिल रहा है। वहीं मीनापुर के थाना अध्यक्ष राज कुमार बताते है कि मीनापुर बैंक के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहें है। इधर, शाखा प्रबंधक सुधांशु शेखर झा ने बताया कि बैंक के अधिकारी जांच में पुलिस को हरसम्भव मदद करने को तैयार है।
This post was published on मई 29, 2020 09:45
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More