संजय कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर । मुजफ्कुरपुर जिला के बोचहां थाना क्षेत्र के उन्सर गांव मे कुदरत का कहर एक पिता पर इस कदर उन पर टुटा कि एक पुत्र को दिल्ली एम्स इलाज करा रहः थे और दुसरी पुत्र की सड़क हादसे मे मौत हो गई ।
यह घटना उन्सर गाँव के नवल किशोर कुवर सिंह के साथ गुरूवार की रात घटी। शनिवार को पिता के दिल्ली से लौटने के बाद पुत्र का अंतिम संस्कार किया गया। श्री कुवर अपने पुत्र 22वर्षीय मोनू का शव देख बेहोश हो जा रहे थे । किसी तरह गाँव के लोगों ने उन्हें काबू मे लाने का प्रयास कर रहे थे। गाँव के रतनाकर कुमार ने बताया कि नवल किशोर कुवर को चार पुत्र है बड़ा लड़का दिपक कुमार गाँव की पढ़ाई कर प्रदेश से बाहर प्राइवेट नौकरी करते है जबकि दुसरे सूत्र सोनू कुमार जिसके शादी के कुछ दिनों बाद ही माथे की बीमारियों से ग्रसित हो गया। उसके बाद पिता ने अपने पुत्र सोनू की इलाज मे लाखों खर्च कर कर वर्तमान मैं दिल्ली एम्स मे इलाज कराने गये थे। इधर गाँव से एक बारात उन्सर बोचहां से कांटी जाने वाली थी नवल किशोर कुवर के तृतीय पुत्र 22 वर्षीय रितेश कुमार उर्फ मोनू अपने गाँव के ही साथी अजीत कुमार के साथ एक बाइक से गुरूवार की रात निकला । गाँव से आग दरभंगा फोरलेन के पटीयासा के समीप एक अज्ञात वाहन की चपेट मे आ गया और सड़क कीनारे कूच दूर घसीटता रहा ।बाईक चालक अजीत घायल अवस्था मे घर वालों को मोबाइल से सूचित किया। पर मोनू की मृत्यु हो चूकि थी। मोनू चार भाइयों मे तीसरे भाई था। सबसे बड़े दिपक जिसने मुखाग्नि दी जबकि दूसरे भाई बीमार सोनू व तीसरे खुद था व सबसे छोटे भाई झुनझुन था। सोनू काॅमर्स से स्नातक कर रहा था और गाँव मे ही कोचिन्ग चलाता था।
पोस्टमार्टम कक्ष से मोनू का शव पारू चला गया
शुक्रवार को बोचहां उन्सर से मोनू के परिजन जब शव लाने एसकेएमसीएच पहुँचे तो मोनू का शव गायब थी उसके जगह पारू मे दुर्घटना से हुई वृद्ध राजकिशोर सिंह जिनका इलाज के दौरान एसकेएमसीएच मे मौत हो गई थी भूलवश परिजन राजकिशोर सिहं के शव की जगह मोनू के शव को पोस्टमार्टम कक्ष से बिना देखें ले गय ।जब शव को अंत्येष्टि के लिए ले जाने के समय चेहरा खोलकर देखा गया तो एक युवक का शव देख भड़क उठे ।इधर एसकेएमसीएच मे मोनू का शव नही मिलने पर उग्र हो उठे और सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर मार्ग को जाम कर दिया और अस्पताल के कर्मचारी के साथ मारपीट की पुलिस को मामला समझने समय नही लगी उधर पारू पुलिस को परीजनो के आक्रोश को झेलने पड़े अंततः बोचहां अहियापुर व पारू पुलिस ने दोनों शव को अंदर बदल कर लोगों को शांत कराया ।अस्पताल प्रशासन मामले को गम्भीरता से लिया है। इधर बोंचहा विधायक बेबी कुमारी ने दुरभाष पर बताई कि पूलिस की जिम्मेदारी बनती है की परिजन को शव पहचान करा कर ही दिलवाए पर यहाँ तो अस्पताल अंडर पूलिस प्रशासन दोनो दोषि है।
–
This post was published on जून 10, 2017 17:22
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More