इजराइल। साल 2008 में हुए 26/11 आतंकी हमले में जिंदा बचे मासूम बच्चे इजराइल के मोशे के जिंदा बचना आज भी एक रहस्य बना हुआ है। हमले के समय मोशे की उम्र महज दो साल की थी। आखिर दो साल का मासूम बच्चा 5वीं मंजिल से उतर कर दूसरी मंजिल पर कैसे पहुंचा होगा? यह बात आज तक किसी को पता नही चला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल के दौरे पर हैं और इस दौरे पर वह मुंबंई में हुए आतंकी हमले में जिंदा बचे मासूम बच्चे मोशे और उसके परिजनों से मुलाक़ात करने वाले है।
9 साल पहले दो साल का मासूम बच्चा डरा और सहमा हुआ अपनी मेड की गोद में किसी को खोज रहा था। उसे यह भी नहीं पता था कि उसके माता-पिता के साथ क्या हुआ है? 26 नवंबर 2008 की रात करीब 930 बजे मोशे के माता-पिता गैवरिल होल्टवर्ग और रिवका उसे चाबाड हाउस की 5वीं मंजिल पर उसके कमरे में सुला कर दूसरी मंजिल पर आए थे। उसी वक्त करीब 9.50 बजे चार आतंकी अचानक चाबाड हाउस में घुसे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे। इस दौरान फायरिंग में उसके माता-पिता को गोली लगी और उनकी मौत हो गई। हमले में छह इजराइलियों की मौत हो गई थी। आतंकियों ने मोशे का कमरा भी तहस-नहस कर दिया था। वहां की दिवारों पर मोशे की मां द्वारा इजराइली भाषा में लिखे A B C D आज भी मौजूद हैं।
हमले के 9 साल के बाद भी चाबाड हाउस की चौथी मंजिल पर सैकड़ों गोलियों के निशान, टूटी दिवारें और रॉकेट लॉन्चर के निशान आज भी मौजूद है। इजरायल कोजलोवस्की ने बताया कि वह कभी भी इस मंजिल को ठीक नहीं कराएंगे. इसे एक म्यूजियम के तौर पर तैयार करने वाला हैं, ताकि आतंक के खिलाफ दुनिया में एक संदेश दे सकें।
This post was published on जुलाई 5, 2017 14:21
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