KKN गुरुग्राम डेस्क | कोलकाता की सीलदह अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय आज (18 जनवरी 2025) आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है। इस मामले ने न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ा दी है, विशेषकर पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के बीच।
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मामले का विवरण
यह मामला 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से जुड़ा हुआ है, जिनका शव 7 अगस्त 2024 को राज्य-निर्मित अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। इस दुखद घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया, और पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किए गए।
चार्जशीट 7 अक्टूबर 2024 को दाखिल की गई, जिसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच शुरू की और संजय रॉय, एक सिविक पुलिस स्वयंसेवक, को मुख्य आरोपी ठहराया। जांच के दौरान रॉय के हिंसक और अपमानजनक अतीत का खुलासा हुआ।
कोर्ट की कार्यवाही और फैसले की उम्मीदें
सीलदह कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद दिन-प्रतिदिन की सुनवाई की थी। मृतक डॉक्टर के पिता ने न्यायालय से निष्पक्ष फैसले की उम्मीद जताई, और कहा, “हमें अच्छा फैसला मिलेगा जब कोर्ट सब कुछ देखेगा और विचार करेगा… डीएनए रिपोर्ट ने अन्य आरोपियों की भी मौजूदगी को स्थापित किया है…।”
आज का फैसला इस दुखद मामले में महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, जिसने देश का ध्यान आकर्षित किया है।
मामले में प्रमुख कानूनी घटनाक्रम
- मेडिकल पंजीकरण रद्द: आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का मेडिकल पंजीकरण इस मामले के संबंध में रद्द कर दिया गया।
- चलते हुए अपील: इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में भी जारी है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और विरोध प्रदर्शन
यह मामला पूरे भारत में आक्रोश का कारण बना है, और पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है। अस्पताल के सेमिनार हॉल में डॉक्टर का शव मिलने से मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी सवाल उठे हैं।
जैसे ही सीलदह कोर्ट अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है, सभी की निगाहें कानूनी कार्यवाही पर टिकी हैं। इसका परिणाम न केवल कानूनी परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा बल्कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में न्याय की निरंतर लड़ाई को भी रेखांकित करेगा।
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