सुपौल। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से ही अन्तर्राष्ट्रीय शराब तस्कर सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय हो गयें हैं। इंडो नेपाल की खुली सीमा, इन शराब तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा है। खुफिया विभाग के रिपोर्ट की माने तो राजपुर मार्ग तस्करी के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग बन चुका है। इसी प्रकार सिकरहट्टा से मझारी एनएच 57 तक जाने वाले सड़क से दस बजे रात से तीन बजे तक इन कारोबार का धंधा खूब फल फूल रहा है। इसके अतिरिक्त तस्करी के खेल में इनके कई अन्य नेटवर्क भी सक्रिय हैं। तस्करों के द्वारा पगडंडी के सहारे भी नेपाली शराब का खेप भारत में पहुंचा दिया जाता हैं और इंडो नेपाल के सीमावर्ती गांव में रखकर रात के दस बजे के बाद तस्करी का खेल शुरू हो जाता है। इसके लिए यह अन्तर्राष्ट्रीय तस्कर बाइक व ऑटोरिक्सा का भी इस्तेमाल करतें हैं। हालांकि, तस्कर एसएसबी के चेकपोस्ट होकर सामान ले जाने से बचते हैं।
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