बिहार की राजनीति में आज बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला जब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी Voter Rights Yatra में शामिल हुईं। यह यात्रा Election Commission द्वारा SIR प्रक्रिया के तहत 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे जाने के खिलाफ निकाली जा रही है।
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इस यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव कर रहे हैं। प्रियंका गांधी की मौजूदगी से यात्रा को नई ऊर्जा मिली और कार्यकर्ताओं में जोश देखा गया।
सुपौल से शुरू हुई यात्रा का दसवां दिन
Voter Rights Yatra का आज दसवां दिन सुपौल जिले से शुरू हुआ। यात्रा का माहौल उत्साहपूर्ण था और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इसमें शामिल हुए।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ प्रियंका गांधी ने भी समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने की जंग है।
मधुबनी से दरभंगा तक का सफर
आज की यात्रा का मार्ग सुपौल से शुरू होकर मधुबनी होते हुए दरभंगा बेस कैंप तक तय किया गया।
हर पड़ाव पर लोगों का भारी समर्थन देखने को मिला। स्थानीय युवा, महिलाएं और कार्यकर्ता झंडे और बैनर लेकर यात्रा में शामिल हुए। कई जगहों पर लोगों ने जयकारे लगाकर नेताओं का स्वागत किया।
कार्यकर्ताओं में उत्साह
प्रियंका गांधी की मौजूदगी ने कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ा दिया। जगह-जगह कांग्रेस समर्थकों ने उनके स्वागत में नारे लगाए और फूल बरसाए।
लोगों का मानना है कि प्रियंका गांधी की भागीदारी से इस आंदोलन को राष्ट्रीय पहचान मिली है। इससे यात्रा का असर बिहार से बाहर भी महसूस किया जा रहा है।
INDIA Alliance की एकजुटता
यह Voter Rights Yatra सिर्फ कांग्रेस की नहीं बल्कि INDIA Alliance की भी ताकत दिखा रही है। यात्रा में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी भी शामिल हुए।
कई अन्य विपक्षी दलों के नेता भी यात्रा के हिस्से बने। यह स्पष्ट संकेत है कि INDIA Alliance लोकतंत्र से जुड़े इस मुद्दे को पूरे देश में उठाना चाहता है।
विवाद की पृष्ठभूमि
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब खबर आई कि Election Commission की SIR प्रक्रिया के दौरान 65 लाख से अधिक नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। विपक्ष का आरोप है कि यह कार्रवाई बिना पारदर्शिता के की गई और इसमें गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुए।
विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर हमला और मताधिकार छीनने की साजिश करार दिया। उनका कहना है कि वोट देने का अधिकार हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और इसे किसी भी हाल में खत्म नहीं किया जा सकता।
राहुल गांधी का आक्रामक रुख
राहुल गांधी इस यात्रा में लगातार जनता को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लोकतंत्र अधूरा है।
उन्होंने मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम हटाने को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट बताया। साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह कदम सत्ता के हित में उठाया गया है।
तेजस्वी यादव का संदेश
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी मताधिकार बचाने की इस लड़ाई को मजबूती दी। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचित तबकों को टारगेट कर उनके वोट अधिकार छीने जा रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदान लोकतंत्र की रीढ़ है और इसे बचाने के लिए हर नागरिक को जागरूक होना होगा।
प्रियंका गांधी की भागीदारी
प्रियंका गांधी की यात्रा में मौजूदगी बेहद प्रतीकात्मक रही। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद किया और उनका मनोबल बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल चुनावी राजनीति नहीं है बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने का संघर्ष है। उनकी मौजूदगी ने कांग्रेस समर्थकों में नया जोश भर दिया।
तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी का जुड़ाव
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की मौजूदगी ने इस आंदोलन को और अहम बना दिया। उन्होंने कहा कि मताधिकार पूरे देश का मुद्दा है और इसकी रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा।
उनका कहना था कि यह लड़ाई सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को बचाने की जंग है।
बिहार में बढ़ता आंदोलन
यह यात्रा अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुकी है। हर दिन इसमें जुड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर भी #VoterRightsYatra ट्रेंड कर रहा है।
लोग इसे सिर्फ विपक्ष का कार्यक्रम नहीं बल्कि लोकतंत्र बचाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।
जनता की आवाज
यात्रा के दौरान कई लोगों ने बताया कि उनके नाम मतदाता सूची से बिना कारण गायब हो गए हैं। कई बुजुर्ग और महिलाएं भी इस समस्या से जूझ रही हैं।
लोगों ने उम्मीद जताई कि बड़े नेताओं की भागीदारी से Election Commission इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा।
प्रियंका गांधी का बिहार की Voter Rights Yatra में शामिल होना इस अभियान को नई दिशा दे रहा है। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और रेवंत रेड्डी जैसे नेताओं की मौजूदगी ने इसे INDIA Alliance की ताकत का प्रतीक बना दिया है।
65 लाख नाम मतदाता सूची से हटाने का मामला अब केवल बिहार तक सीमित नहीं रहा। यह देशव्यापी बहस का मुद्दा बन चुका है।
यह यात्रा न सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम है बल्कि लोकतंत्र और मताधिकार को बचाने की पुकार बन चुकी है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज होने की संभावना है।
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