KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीवान में आयोजित जनसभा में जमकर RJD और कांग्रेस पर प्रहार किया, उन्हें “बिहार-विरोधी और निवेश-विरोधी” करार दिया। मोदी ने कहा कि जब ये पार्टियां विकास की बात करती हैं, तब दुकानें बंद, उद्योग ठप्प और बेरोजगारी बढ़ती नजर आती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इनके राज में बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बनी, क्योंकि ये किसी भी बार विकास की राह की दिशा में सहयोग नहीं करते।
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पक्के घर योजना: गरीबों की उम्मीदों को बदली परवान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर (pucca houses) मुहैया कराए गए हैं। ये केवल “चार दीवार” नहीं, बल्कि गंभीर सम्मान और आत्मानुशासन की निशानी हैं – ऐसे घर जहां सपने सजते हैं और सामाजिक अभिमान उभरता है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में तीन करोड़ और घर तैयार करने की योजना है और उन्होंने संकल्प लिया कि “हम रुके नहीं, दिन रात मेहनत करते रहेंगे”।
बिहार में 50,000 परिवारों को पक्का घर
मोदी ने घोषणा की कि आज 20,000–50,000 परिवारों को बिहार में PM Awas Yojana की पहली किस्त जारी की जा रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खास गर्व जताया कि इन घरों में से अधिकतर का स्वामित्व महिलाओं के नाम किया गया है, जिससे उन्हें संपत्ति मालिक बनकर नया विश्वास और सुरक्षा मिली है।
उन्होंने कहा, “इन घरों के साथ बिजली, पीने का पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी सुनिश्चित की गई हैं – यह सशक्त बुनियादी सेवाएं हैं जो गरीबों और महिलाओं के जीवन को वैल्यू देती हैं।”
गरीबी उन्मूलन में बिहार का योगदान
पीएम मोदी ने विश्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं, और बिहार ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को भी सराहा और कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने मिलकर गरीबों के हित में योजनाओं की सामग्री सुनिश्चित की है।
उनकी यह ज़ोरदार टिप्पणी थी, “हमने कभी चुनावी वादा नहीं किया, बल्कि दिन-रात काम किया। इनका परिणाम आज बिहार की हर झोपड़ी में है।”
“बाधा डालने वालों से सावधान”—PM मोदी का संदेश
मोदी ने जनता को आगाह किया कि “समृद्ध बिहार यात्रा के रास्ते में बाधा डालने वालों को दूर रखना होगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि RJD–कांग्रेस की राजनीति “जंगलराज” की राह पर थी, जिसने बिहार को अव्यवस्था और आर्थिक पतन की ओर धकेल दिया।
मोदी ने कहा, “ये पार्टियाँ केवल बिहार के संसाधनों पर कब्जा करना चाहती थीं, न कि उनका विकास करना।” उन्होंने “लोकतंत्र की हत्या” और “बेपर्दा भ्रष्टाचार” जैसे आरोप लगाते हुए बताया कि उनका राज नौजवानों की बेरोजगारी, दुकानों की बंदिशों और उधम-उद्योग की मंदी का आधार बना।
“पंजा” और “लालटेन” का राजनीतिक पर्दा
पीएम मोदी ने RJD और कांग्रेस को प्रतीकात्मक रूप से उनकी पार्टी चिन्हों “पंजा” और “लालटेन” से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब ये चिन्ह बिहार पर हावी थे, तब यह राज्य “पलायन का प्रतीक बन गया था”। बेरोज़गार, निराश युवा या परिवारों को मजबूरन दूर जाना पड़ा।
उन्होंने कहा, “लेकिन बिहारी भाइयों और बहनों ने हर कठिन परिस्थिति में अपने सम्मान से समझौता नहीं किया।” मोदी ने कहा कि इस बार जब बिहार विकल्प सोच रहा है, तो उसे “ईमानदारी, समर्पण, मेहनत और महिलाओं के स्वामित्व” को आधार बनाकर चुनावी सोच बनानी होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका भी श्रेय सहित
मोदी ने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और NDA सरकार ने 11 साल से गरीबी उन्मूलन पर कार्य किया है।” उन्होंने इस कार्रवाई को “समान दृष्टिकोण से गरीबों को हर मुश्किल ओझल करती नीति” बताया, जिसके परिणाम आज सामने खड़े हैं।
उन्होंने राजस्व गणना, बिजली कनेक्शन, सामुदायिक स्वास्थ सुविधाओं और घरों के साथ-सहयोगी योजनाओं को भी जन-कल्याण की गठरी बताया।
आगामी चुनावी समीकरणों में बड़ा असर
2025 के विधानसभा चुनावों को मध्य नजर रखते हुए पीएम मोदी की यह सभा मजबूत चुनावी संदेश रही। उन्होंने बिहार की जनता से आग्रह किया कि “स्वाभिमान, सुरक्षा, समृद्धि और गर्व की राजनीति” के साथ “पुरानी दलों की राजनीति” के बीच मतभेद स्पष्ट बनाए रखें।
उनका यह सशक्त आह्वान था:
“यह चुनाव केवल बहस नहीं, बल्कि विकल्प है—’बीते अतीत’ के प्रभुत्व और ‘भविष्य की समृद्धि’ के बीच।”
प्रधानमंत्री मोदी की Siwan रैली “राष्ट्रवादी विकास मॉडल” और “रैलिक सहित जन-समर्थक राजनीति” का प्रतीक बनकर उभरी। उन्होंने RJD और कांग्रेस पर कठोर आरोप लगाते हुए, गरीबों की अधिकार योजना सौंपते डिजिटल युवाओं को सशक्त अधिकार दिए।
उनका संदेश साफ था: “इस चुनाव में बिहार का युवा और महिला मतदाता सपना, स्वाभिमान और स्वामित्व के लिए लड़ें, न कि पुरानी राजनीति के बहुतेरे तर्कों के लिए।”
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