पटना में बसंत पंचमी के अवसर पर दीघा घाट पर पतंग उत्सव, शुद्धता और समृद्धि का संदेश

Patna Celebrates Basant Panchami with Kite Festival at Digha Ghat

KKN गुरुग्राम डेस्क |  आज पटना के दीघा घाट स्थित मरीन ड्राइव पर बसंत पंचमी के अवसर पर एक भव्य पतंग उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन पटना नगर निगम द्वारा किया गया है और यह उत्सव आज (3 फरवरी) और कल (4 फरवरी) दो दिन चलेगा। इस उत्सव में पटना के आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ती हुई दिखाई देंगी, जिससे शहर के हर कोने में खुशी का माहौल रहेगा।

पतंग उत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य पटना के नागरिकों को स्वच्छता और साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही यह उत्सव पर्यावरण संरक्षण और पब्लिक पार्टिसिपेशन के माध्यम से पटना को एक स्वच्छ और हरा-भरा शहर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। गंगा नदी के किनारे, जहां लोग अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए पतंग उड़ाएंगे, यह उत्सव न केवल एक खेल बनकर रह गया है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक पहल भी बन चुका है।

बसंत पंचमी: ऋतु का स्वागत और ज्ञान की देवी की पूजा

बसंत पंचमी भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञानसंगीत और कला की देवी मानी जाती हैं। इस दिन भक्तगण मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे विद्या, बुद्धि, कला, और संगीत में सफलता की प्राप्ति की कामना करते हैं। पटना में इस दिन को लेकर विशेष आयोजन किए जाते हैं और यह उत्सव पूरे शहर में धूमधाम से मनाया जाता है।

वहीं, दीघा घाट पर पतंग उत्सव भी इस दिन को और खास बना देता है। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का भी काम करता है। काइट फेस्टिवल के माध्यम से लोग अपनी खुशी और उमंग को साझा करते हैं, जिससे एक सकारात्मक और सामूहिक वातावरण का निर्माण होता है।

स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

पटना नगर निगम द्वारा आयोजित इस पतंग उत्सव का उद्देश्य केवल मनोरंजन और उत्सव नहीं है, बल्कि इसे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के एक मंच के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान, नगर निगम ने शहरवासियों को स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील की है।

इसके साथ ही, इस कार्यक्रम में इको-फ्रेंडली पतंगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण पर होने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से नगर निगम यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करते हुए, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उसका आनंद कैसे लिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शुभकामनाएं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर राज्यवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा:

बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। लोग पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ ऋतुराज बसंत के आगमन पर बसंत पंचमी और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं। मेरी कामना है कि यह पर्व राज्य में सुख, शांति और समृद्धि लाए तथा हर ओर ज्ञान का प्रकाश फैले।”

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया कि बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर सभी नागरिकों को आपसी सौहार्द्र के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए। उनका यह संदेश इस पर्व के सामूहिक और शांतिपूर्ण स्वरूप को बढ़ावा देता है।

दीघा घाट पर पतंग उड़ाने का उत्साह

पटना के दीघा घाट पर आयोजित इस पतंग उत्सव में विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी पतंगें आसमान में उड़ते हुए देखने को मिलेंगी। यह अवसर न केवल बच्चों के लिए, बल्कि युवाओं और बुजुर्गों के लिए भी खास है, जो अपनी पतंग उड़ाने की कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, इस उत्सव में कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं, जिसमें लोग अपनी पतंग उड़ाने की कौशल को प्रदर्शित करेंगे।

इसके अलावा, स्थानीय खाद्य स्टॉल्स भी इस उत्सव का हिस्सा हैं, जहां लोग पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। यह उत्सव न सिर्फ एक खेल का मैदान है, बल्कि यह सामाजिक मेल-मिलाप का भी एक अद्भुत अवसर है।

बसंत पंचमी की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता

बसंत पंचमी भारतीय समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह दिन विशेष रूप से विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए खास होता है क्योंकि इसे ज्ञान और कला के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन के दौरान देशभर में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें विद्यार्थी अपनी किताबों और कलात्मक सामग्री को पूजा करते हैं और मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

पटना में इस दिन को लेकर खासतौर पर आयोजन किए जाते हैं, जिसमें पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है। इस दिन के महत्व को समझते हुए, कई स्कूलों और शैक्षिक संस्थाओं में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे बच्चों में ज्ञान और शिक्षा के प्रति प्रेरणा उत्पन्न होती है।

नदी किनारे पतंग उड़ाने का रोमांच

गंगा नदी के किनारे पतंग उड़ाने का रोमांच ही कुछ और है। जब दीघा घाट पर सैकड़ों पतंगें आसमान में रंग बिखेरती हैं, तो यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं लगता। इस पतंग उत्सव ने पटना के लिए एक नई पहचान बनाई है और इसे अब हर साल मनाने का एक प्रतीक बना लिया गया है।

पटना में बसंत पंचमी और पतंग उत्सव का आयोजन शहरवासियों को न केवल सांस्कृतिक आनंद प्रदान करता है, बल्कि यह उन्हें स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी जागरूक करता है। पटना नगर निगम द्वारा यह पहल एक सशक्त कदम है, जो शहर की स्वच्छता और सामूहिक भावना को प्रोत्साहित करता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दी गई शुभकामनाओं ने इस पर्व को और अधिक महत्व दिया है, जिससे राज्य में सुख, शांति और समृद्धि का संदेश फैलाने में मदद मिल रही है। इस उत्सव में माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा और ज्ञान की प्राप्ति के उद्देश्य से पटना के हर कोने में खुशी का माहौल है।

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