नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। खासतौर पर उत्तर बिहार के कई जिले, जैसे सुपौल और मधुबनी, इस समय बाढ़ के गंभीर प्रभावों का सामना कर रहे हैं। नेपाल के नदियों, खासकर कोसी और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। इन नदियों के खतरे के निशान के करीब बहने से इलाके में चिंता का माहौल बना हुआ है।
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बिहार के 26 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को बिहार के 26 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें हल्की से लेकर मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही, आकाशीय बिजली और 40 किमी/घंटा तक की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी भी दी गई है। हालांकि, पिछले 24 घंटों में बिहार में कोई बड़ी बारिश रिकॉर्ड नहीं हुई, लेकिन नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार के नदी-नालों का जलस्तर खतरे के करीब पहुंच चुका है।
मौसम विभाग ने खासकर किसानों से अपील की है कि वे खुले इलाकों में काम करते वक्त सावधानी बरतें और आकाशीय बिजली से बचें।
सुपौल और मधुबनी में बाढ़ के हालात गंभीर
सुपौल जिले में बाढ़ की स्थिति काफी विकट हो गई है। यहां के छह प्रखंड जलमग्न हो गए हैं और लगभग 5000 घर प्रभावित हो चुके हैं। नदी के जलस्तर के बढ़ने से इन इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है, जिससे लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बाढ़ के पानी के कारण इलाके में सड़कें पूरी तरह से डूब चुकी हैं, और यातायात भी ठप हो गया है।
मधुबनी में भी बाढ़ ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यहां के लगभग एक लाख लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन बाढ़ के पानी के तेजी से फैलने के कारण स्थिति और भी कठिन होती जा रही है।
पूर्वी चंपारण में बढ़ रहे जलस्तर के कारण बाढ़ जैसी स्थिति
पूर्वी चंपारण जिले में नेपाल की सरीस्वा नदी का जलस्तर बढ़ने से रक्सौल, रामगढ़वा, सुगौली, सेमरा और मोतिहारी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन इलाकों में बाढ़ का पानी कई निम्न-भूत क्षेत्रों में घुस चुका है, जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव हो गया है, और प्रशासन को राहत कार्यों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय अधिकारी नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं और बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं। पानी की निकासी के लिए नालों की सफाई और अस्थायी तटबंध बनाने का काम चल रहा है, लेकिन अगर नेपाल में बारिश का सिलसिला जारी रहा तो जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है।
पटना में मौसम और चेतावनी
राज्य की राजधानी पटना में आज पूरे दिन बादल छाए रहने का अनुमान है। हल्की से लेकर मध्यम बारिश होने की संभावना है, और मौसम विभाग ने शहर के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया है। पटना का अधिकतम तापमान 31.98°C दर्ज किया गया है, और यहां भी बारिश और हवा के चलते तापमान में गिरावट की उम्मीद है।
बिहार में भारी बारिश से उत्पन्न होने वाली चुनौतियां
बिहार में भारी बारिश की वजह से पहले ही कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। नेपाल में हो रही लगातार बारिश से बिहार के नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। खासकर उत्तर बिहार के क्षेत्रों में हालात सबसे गंभीर हैं, जहां लगातार जलस्तर बढ़ने से राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
प्राकृतिक आपदा के दौरान सरकार का कदम और सहायता
बिहार सरकार ने प्रभावित जिलों के लिए आपातकालीन राहत निधि की घोषणा की है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव दल भेजे हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य और सफाई दल भी तैयार हैं ताकि बाढ़ से होने वाली जलजनित बीमारियों से बचाव किया जा सके।
सभी प्रभावित इलाकों में अस्थायी राहत शिविरों की स्थापना की जा रही है और सरकार द्वारा राहत सामग्री, जैसे कि खाद्य पदार्थ, पानी और दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है। साथ ही, राज्य सरकार ने जिले के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
मौजूदा बाढ़ स्थिति पर एक नजर
नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार के उत्तरी जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। सुपौल, मधुबनी और पूर्वी चंपारण में बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हो चुके हैं। वहीं, कई अन्य जिले भी खतरे के निशान के करीब हैं और स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है।
गहरी चिंताओं के बीच, यदि नेपाल में बारिश का सिलसिला जारी रहता है तो जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे बाढ़ का खतरा और भी बढ़ सकता है। इस समय, राहत कार्यों के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों और सरकारी संस्थाओं का ध्यान बाढ़ के पानी को नियंत्रित करने और लोगों की सुरक्षा पर है।
बिहार में बाढ़ के बढ़ते खतरे के बीच राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से राहत कार्य लगातार चलाए जा रहे हैं। नेपाल में हो रही भारी बारिश और बिहार के नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। हालांकि सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्यों को तेज किया गया है, फिर भी चुनौती बड़ी बनी हुई है। आने वाले दिनों में यदि बारिश और जलस्तर में वृद्धि होती है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
इस समय, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और राहत कार्यों को गति देना प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुका है।
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