बाबा की आंखें नहीं थीं… फिर भी इंसान के मन की बातें कैसे पढ़ लेते थे

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क्या एक अंधा बाबा… इंसान के शब्दों से उसकी आत्मा तक पढ़ सकता है?” केकेएन के अंजुमन में आज हम ला रहे हैं — सहोदरा गांव की एक गूढ़ कहानी, जो आपके दिल को छू जाएगी। यह सिर्फ कहानी नहीं… ? रिश्तों के उलझनों की पहचान है ? अहंकार और अकेलेपन की सच्चाई है ? सवाल, जिज्ञासा और समझदारी की परिभाषा है ? और सबसे बड़ी बात — इंसान की सोच और शब्दों के चयन से उसका चरित्र पहचानने की कला है बाबा के कहे हर शब्द में छुपा है जीवन का दर्शन… हर इंसान अपने भीतर इसे पाएगा… अगर कभी आपने ‘सब ठीक है’ कहते हुए खुद को अकेला पाया है, तो ये कहानी आपके लिए है। ? वीडियो जरूर देखें, कमेंट करके बताएं — आपको बाबा की बातों में क्या सच्चाई दिखी? और हां, Like, Share और Subscribe करना न भूलें।

 


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