दिल्ली मुस्तफाबाद इमारत ढहने की घटना: 4 की मौत, कई लोग मलबे में दबे, राहत कार्य जारी

Mustafabad Building Collapse: Four Dead, Many Trapped Under Rubble in Delhi's Shakti Vihar

KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली के न्यू मुस्तफाबाद इलाके के शक्ति विहार में एक चार मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है, और 8 से 10 लोग मलबे में दबे होने की आशंका है। राहत कार्य में जुटी एनडीआरएफ और दिल्ली फायर सर्विस की टीमों ने अब तक मलबे से चार शव बरामद किए हैं। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत अभियान जारी है।

हादसा रात को हुआ: मलबे में फंसे लोग

यह घटना 18 अप्रैल 2025 की रात करीब 2:50 बजे हुई। दिल्ली फायर डिपार्टमेंट को इमारत के ढहने की सूचना मिलते ही तत्काल फायर टेंडर और एनडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया। मौके पर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने पाया कि इमारत पूरी तरह से ढह गई थी और अंदर कई लोग फंसे हुए थे। घटनास्थल पर 40 से ज्यादा राहतकर्मी मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने का काम कर रहे हैं।

राजेंद्र अटवाल, डिवीजनल फायर ऑफिसर ने बताया, “हमें करीब 2:50 बजे सूचना मिली कि एक इमारत ढह गई है। हम मौके पर पहुंचे और पाया कि पूरी इमारत ढह चुकी है। हमें यह जानकारी भी मिली कि कई लोग मलबे में दबे हैं। एनडीआरएफ और दिल्ली अग्निशमन सेवा की टीमों ने मलबे से लोगों को निकालने का कार्य शुरू किया।”

मृतकों और घायलों की जानकारी

दिल्ली पुलिस के अनुसार, अब तक 10 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है, जिनमें से 4 की मौत हो गई है। राहत कार्य अब भी जारी है, और यह संभावना जताई जा रही है कि मलबे में 8 से 10 लोग फंसे हो सकते हैं।

शहजाद अहमद, मृतकों में से एक के रिश्तेदार ने बताया, “इमारत रात करीब 2:30-3:00 बजे गिरी थी। यह चार मंजिला इमारत थी। मेरे दो भतीजे की मौत हो गई है। मेरी बहन, बहनोई और भतीजी भी घायल हैं, जिन्हें GTB अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “यहां दो पुरुष, दो बहुएं, उनके बच्चे और कुछ किराएदार रहते थे। सबसे बड़ी बहू के तीन बच्चे थे, दूसरी बहू के भी तीन बच्चे थे। हमें अभी तक कुछ भी जानकारी नहीं मिली है, वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं।”

मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए राहत कार्य जारी

दिल्ली पुलिस के अनुसार, अब तक चार शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं और अन्य लोग मलबे में दबे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन और राहत टीमें एनडीआरएफ और दिल्ली फायर सर्विस के साथ मिलकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं। संदीप लांबा, उत्तर पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी ने बताया, “मलबे में 8 से 10 लोग अभी भी फंसे हो सकते हैं। हम सभी प्रयास कर रहे हैं ताकि जितने भी लोग फंसे हैं, उन्हें जल्द से जल्द बचाया जा सके।”

इमारत गिरने की घटना के कारणों की जांच जारी

यह हादसा दिल्ली के न्यू मुस्तफाबाद में हुआ, जहां कई इमारतें पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इमारत के ढहने का कारण निर्माण में कमियां और निर्धारित मानकों का पालन न करना हो सकता है। हालांकि, इमारत गिरने के कारणों की जांच अब भी चल रही है और दिल्ली पुलिस और अन्य संबंधित विभाग इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं।

दिल्ली में इमारतों की सुरक्षा पर सवाल

मुस्तफाबाद में हुई इस घटना ने दिल्ली की इमारतों के सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दिल्ली जैसे महानगर में जहां तेजी से निर्माण कार्य हो रहे हैं, वहां इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बन चुकी हैं। यह घटना एक चेतावनी है कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों का पालन न किया गया तो भविष्य में इस तरह की और भी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में कई इमारतें पुरानी हो चुकी हैं और इनका संरचनात्मक मूल्यांकन समय-समय पर किया जाना चाहिए। इसके अलावा, निर्माण कार्यों में खतरनाक मटेरियल का इस्तेमाल और सुरक्षा की अनदेखी के कारण हादसों का खतरा बढ़ रहा है।

राहत कार्य में जुटी टीमें और स्थानीय समर्थन

इस हादसे के बाद स्थानीय लोग और निवासियों ने राहत कार्य में मदद के लिए आगे बढ़कर एनडीआरएफ और दिल्ली फायर सर्विस के कर्मचारियों को खाना, पानी और अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने भी प्रभावित परिवारों की मदद के लिए राहत की घोषणा की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के लिए सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के कारणों की जांच करवाई जाएगी और निर्माण मानकों की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों।

भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय और दिशा-निर्देश

मुस्तफाबाद में हुई इमारत गिरने की घटना ने दिल्ली में निर्माण सुरक्षा के नियमों की फिर से समीक्षा करने की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय है जब दिल्ली सरकार को निर्माण सुरक्षा के नियमों को कड़ा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी इमारतें सुरक्षा मानकों को पूरा करती हों।

सुझाव:

  1. निर्माण कार्यों की नियमित जांच: हर निर्माण कार्य की समय-समय पर जांच होनी चाहिए।

  2. सुरक्षा मानकों का पालन: हर निर्माण में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।

  3. पुरानी इमारतों का पुनर्निर्माण: दिल्ली की पुरानी इमारतों का पुनर्निर्माण करना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रहें।

स्थानीय समुदाय का समर्थन और भविष्य की दिशा

मुस्तफाबाद में इमारत गिरने से स्थानीय समुदाय में गहरा शोक है, लेकिन साथ ही साथ स्थानीय लोग पीड़ितों की मदद के लिए एकजुट हो गए हैं। अब यह जिम्मेदारी प्रशासन और निर्माण कंपनियों की है कि वे भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

इस घटना ने दिल्ली के नागरिकों को यह याद दिलाया है कि निर्माण सुरक्षा पर हमेशा ध्यान देना चाहिए और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए सुरक्षित इमारतों का निर्माण किया जाना चाहिए।

 दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में हुई यह इमारत गिरने की घटना एक बड़ी त्रासदी है। राहत कार्य जारी है और प्रशासन की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि जितने लोग मलबे में फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। इसके साथ ही, इस घटना से दिल्ली में निर्माण सुरक्षा और निर्माण मानकों पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है, जो कि भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है।


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