हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के चुराह विधानसभा क्षेत्र में बीती रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में एक स्विफ्ट कार गहरी खाई में गिर गई, जिससे कार में सवार छह लोगों की मौत हो गई। इनमें से चार लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। यह हादसा इतना भीषण था कि कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार सभी लोग मौके पर ही काल के ग्रास बन गए। इस हादसे ने पूरे चंबा जिले को शोक में डुबो दिया।
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हादसे की पूरी जानकारी
यह हादसा रात के समय चंबा जिला मुख्यालय से लौट रही एक स्विफ्ट कार में हुआ। जैसे ही यह कार पधरी के पास पहुंची, चालक का वाहन पर नियंत्रण टूट गया और कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में पति-पत्नी, उनके दो बच्चे और दो अन्य लोग मारे गए। मृतकों में राजेश कुमार (40), उनकी पत्नी हंसो (36), बेटी आरती (17), बेटा दीपक (15), राकेश कुमार (44), और हेम पाल (37) शामिल हैं।
राजेश कुमार का परिवार बुलवास गांव, डाकघर जुंगरा का निवासी था, जबकि हेम पाल गांव सलांचा, डाकघर भंजराडू के रहने वाले थे। यह हादसा इतना दर्दनाक था कि शवों को निकालने और पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजने तक स्थानीय लोगों और पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया
हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम और स्थानीय प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। शवों को खाई से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि अंधेरे के कारण चालक अपना नियंत्रण खो बैठा और कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों का बढ़ता हुआ ग्राफ
हिमाचल प्रदेश में हर साल बारिश के मौसम में सड़क हादसों की संख्या बढ़ जाती है। 20 जून को मॉनसून के दस्तक देने के बाद से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 100 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इस बार की घटनाएं विशेष रूप से चंबा और शिमला जिलों में ज्यादा देखने को मिली हैं।
मंडी जिला में सबसे ज्यादा 19 मौतें हुई हैं।
चंबा और शिमला में 15-15 मौतें दर्ज की गई हैं।
किन्नौर और कुल्लू में आठ-आठ, सोलन में 10, सिरमौर, ऊना और कांगड़ा में छह-छह, और बिलासपुर और हमीरपुर में तीन-तीन मौतें हुई हैं।
लाहौल स्पीति में एक व्यक्ति की जान गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनाएं
इस दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा, “चंबा जिला के तीसा के चनवास में हुई कार दुर्घटना में छह लोगों के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत जनों की आत्मा को शांति मिले और शोक-संतप्त परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और संबल मिले।”
सड़क सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि हिमाचल प्रदेश में खासकर पहाड़ी इलाकों में सड़क सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। विशेष रूप से बारिश के मौसम में, जब रास्ते की हालत बिगड़ जाती है, तब सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम में भी वृद्धि हो जाती है।
स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करें। सड़क पर सुरक्षा संकेतक, स्ट्रीट लाइटिंग, और ऊंचाई वाले स्थानों पर सुरक्षा दीवारें इन हादसों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।
सड़क सुरक्षा पर जागरूकता की आवश्यकता
इसके अलावा, सड़क सुरक्षा पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत भी बेहद जरूरी है। खासकर ऐसे लोग जो पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते हैं, उन्हें रात के समय और बारिश में गाड़ी चलाते वक्त ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे पर आम जनता को शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
इस दुखद हादसे ने न केवल चंबा जिले, बल्कि समूचे हिमाचल प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। छह लोगों की असमय मौत से उनके परिवारों और समुदाय में गहरा दुख है। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा और सावधानी बरतने की कितनी आवश्यकता है, खासकर ऐसी जगहों पर जहां पहाड़ी रास्तों और मौसम की कठिनाईयों के कारण हादसों का खतरा अधिक होता है।
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