अब 46 पंचायत शिक्षकों पर भी लटकी तलवार, कभी भी गिर सकती है गाज
शिक्षकों की बर्खास्तगी के मुद्दे पर पिछले एक सप्ताह से गर्म थी पंचायत समिति की राजनीति/ 145 नियोजित शिक्षकों पर फर्जी ढंग से बहाली के मामले में मीनापुर थाने में पहले से दर्ज है एफआईआर
मुजफ्फरपुर। मीनापुर में भारी जद्दोजहद व लम्बी प्रतीक्षा के बाद अखिरकार फर्जी शिक्षक बर्खास्त कर दिये गये। बर्खास्तगी खबर मिलते ही इस रैकेट से जुड़े लोगो में हड़कंप मच गया है। इस बीच मीनापुर बीडीओ संजय कुमार सिन्हा ने 98 फर्जी नियोजित प्रखंड शिक्षकों को बर्खास्त करने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस आशय का पत्र संबंधित स्कूल सहित जिलाधिकारी व डीईओ को भेज दिया गया है।
बर्खास्तगी का आदेश जारी होते ही फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, इसमें वह 11 प्रखंड शिक्षक भी बर्खास्त कर दिए गये हैं, जिनको विभाग से पहले ही क्लीनचिट मिला हुआ है। सूत्र बताते हैं कि ये सभी शिक्षक अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बर्खास्त होने वाले 98 प्रखंड शिक्षक सहित मीनापुर के कुल 145 नियोजित शिक्षकों पर मीनापुर थाने में पहले से एफआईआर दर्ज है। अब बाकी बचे 46 फर्जी पंचायत शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लट गयी है। यहा यह भी बताना जरुरी है कि दूसरे चरण में 366 फर्जी शिक्षको के जांच की प्रक्रिया भी अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
ऐसे मिली बर्खास्तगी को मुकाम
बतातें चलें कि मीनापुर में वर्ष 2006 से ही शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा होने लगा था। वर्ष 2009 आते- आते नियोजन में फर्जीवाड़ा का खेल जोर पकड़ने लगा था। वर्ष 2014 में मीनापुर में फर्जी नियोजन की खबरे मीडिया की सुर्खियां बटोरने लगी थी। इसके बाद सीपीआई सहित कई अन्य राजनीतिक व समाजिक संगठनो ने इसकी रोकथाम और दोषी पर कारवाई की मांग को लेकर धरना- प्रदर्शन शुरू कर दिया। दूसरी ओर हाईकोर्ट के आदेश पर फर्जीवाड़े की जांच के लिए निगरानी को जिम्मा सौप दिया गया। इसके बाद लोगो की उम्मीदे थोड़ी जगी। किंतु, जांच के नाम पर एक बार फिर से लीपापोती के खेल शुरू हो जाने से न्याय पसंद लोग निराश होने लगे थे। बहराल, अब फर्जीवाड़ा के दूसरे लिस्ट के जारी होने का सभी को बेसब्री से इंतजार है।