बिहार के मीनापुर की चैनपुर धरती पर 1942 में जो आग भड़की, उसने न केवल दिल्ली दरबार बल्कि लंदन के पार्लियामेंट तक को हिला दिया। यह वही धरती है, जहां शहीद जुब्बा सहनी और बांगूर सहनी ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका और अपने प्राणों की आहुति देकर इतिहास रच दिया। जानिए, भारत छोड़ो आंदोलन की वह भूली-बिसरी गाथा, जब मीनापुर थाने पर पहली बार तिरंगा लहराया गया और अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिल गईं।
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