KKN गुरुग्राम डेस्क | हाल ही में भारत में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का एक नया रुझान देखने को मिला है। जहां कुछ महीनों पहले तक सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही थी, वहीं फरवरी 2025 में दालों और सब्जियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस रिपोर्ट में हम आपको दालों, टमाटर, आलू, प्याज, और खाद्य तेलों की कीमतों के बारे में जानकारी देंगे, जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी हैं।
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दालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी
अरहर दाल (Toor Dal) की कीमतों में बीते दो वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है। फरवरी 2023 में अरहर दाल की कीमतें 112 रुपये प्रति किलो थीं, जो अब 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। यानी, पिछले दो सालों में 28 रुपये प्रति किलो तक वृद्धि हुई है। इसके अलावा उड़द दाल और चना दाल की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, अब ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर अरहर दाल की कीमत 120 से लेकर 200 रुपये प्रति किलो तक है। ऑर्गेनिक दालों की कीमतें तो और भी ज्यादा हैं, जो ग्राहकों के लिए काफी महंगी साबित हो रही हैं।
अरहर दाल की औसत कीमतें
केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक, जनवरी 2023 में अरहर दाल की औसत कीमत 112 रुपये प्रति किलो थी, जबकि अब ये बढ़कर 140 रुपये प्रति किलो हो चुकी है।
टमाटर की कीमतें दोगुनी
हालांकि, सर्दी के मौसम में टमाटर की कीमतों में कमी देखी गई थी, लेकिन फरवरी 2023 के मुकाबले फरवरी 2025 में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं। फरवरी 2023 में टमाटर की औसत कीमत 10 रुपये प्रति किलो थी, जबकि फरवरी 2025 में यह 20-21 रुपये प्रति किलो के आसपास पहुंच चुकी है।
सर्दी के मौसम में आमतौर पर टमाटर की कीमतों में गिरावट आती है, लेकिन इस बार टमाटर की कीमतें डबल से भी ज्यादा हो गई हैं। इसी प्रकार, आलू और प्याज की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा रही है।
मोटे अनाज और खाद्य तेल की बढ़ती कीमतें
खाद्य तेलों की कीमतों में भी पिछले कुछ महीनों से लगातार वृद्धि हो रही है। अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच सूरजमुखी तेल, सरसों तेल, और मूंगफली तेल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।
- सूरजमुखी तेल की कीमत 130 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 154.9 रुपये प्रति किलो हो गई है।
- सरसों तेल की कीमत 150 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 170.3 रुपये प्रति किलो हो गई है।
- मूंगफली तेल की कीमत 188 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 193.8 रुपये प्रति किलो हो गई है।
चावल और गेहूं की कीमतों में वृद्धि
चावल और गेहूं की कीमतों में भी लगातार वृद्धि हो रही है। चावल की कीमत 37 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 42.30 रुपये प्रति किलो हो गई है, जबकि गेहूं की कीमत 32 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 34.90 रुपये प्रति किलो हो गई है।
बीते दो वर्षों में खाद्य पदार्थों की कीमतें
नीचे दी गई तालिका में, फरवरी 2023 और फरवरी 2025 के बीच खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई वृद्धि को साफ देखा जा सकता है:
खाद्य पदार्थ | फरवरी 2023 (₹/kg) | फरवरी 2025 (₹/kg) |
---|---|---|
अरहर दाल | 112 | 140 |
उड़द दाल | 105 | 121 |
मूंग दाल | 102 | 112 |
चना दाल | 70 | 90.20 |
मसूर दाल | 90 | 88.60 |
चावल | 37 | 42.30 |
गेहूं | 32 | 34.90 |
टमाटर | 10 | 20.70 |
आलू | 20 | 24.10 |
प्याज | 25 | 35.20 |
महंगाई के असर और भविष्यवाणी
महंगाई के असर से न सिर्फ सामान्य लोगों की थाली पर असर पड़ रहा है, बल्कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार वृद्धि आने वाले समय में जीवन यापन को और कठिन बना सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही ट्रेंड चलता रहा, तो आगामी महीनों में दालों और खाद्य तेलों की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।
सस्ती कर्ज की राह होगी आसान
हालांकि, कुछ राहत भी मिल रही है। खाद्य तेल और सब्जियों की कीमतों में गिरावट ने महंगाई दर को घटाया है, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा, इससे सस्ते कर्ज की संभावना बढ़ी है। RBI की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई दर में आई यह गिरावट लोगों के लिए सस्ती कर्ज प्राप्त करने की राह खोल सकती है।
कुल मिलाकर, दालों, सब्जियों, और खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जो लोगों के बजट पर दबाव डाल रही है। अरहर दाल, उड़द दाल, और टमाटर जैसी चीजों के दाम पहले ही बढ़ चुके हैं, और आगे भी कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। यह महंगाई आम आदमी की दिनचर्या को प्रभावित कर रही है, लेकिन इस बीच खाद्य तेलों और सब्जियों की कीमतों में गिरावट ने कुछ राहत भी दी है।
यह साफ है कि आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नज़र रखनी होगी और उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता होगी, ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
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