उम्र के चौथेपन में पहुंच कर भी पुस्तक पढ़ने का जुनून, युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हो सकता है। शौक सिर्फ पढ़ने का नही, बल्कि, लिखने का भी है। यह कोई कहानी नहीं, बल्कि एक हकीकत है, अवकाश प्राप्त शिक्षक जगन्नाथ प्रसाद कुशवाहा की। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला से करीब 15 किलोमीटर दूर मीनापुर के नेउरा गांव में KKN लाइव से बातचीत करते हुए जगन्नाथ प्रसाद कुशवाहा ने अपने जीवन के कई रहस्यो पर से पर्दा उठाया। देखिए, इस रिपोर्ट में…