रविवार, जुलाई 6, 2025
होमBiographyशादी तो मैंने की ही नहीं... सादी पीऊं कैसे

शादी तो मैंने की ही नहीं… सादी पीऊं कैसे

Published on

spot_img
Follow Us : Google News WhatsApp

भारतरत्न, कविहृदय, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का लखनऊ से गहरा रिश्ता था। उन्हें जितना लखनऊ वालों से स्‍नेह था उतना ही यहां के खानपान से भी नाता था। उनदिनो लखनऊ में ठंडाई की एक दुकान हुआ करता था। नाम था राजाजी की ठंडाई। कहतें है कि उस जमाने में यहा अटलजी अक्सर चले आते थे और यहां की ठंडाई जरुर पीते थे। इस दुकान से जुड़ी एक दिलचस्प किस्सा है। एक बार बीजेपी के कई बड़े नेताओं के साथ दुकान पर बैठै अटलजी चुनावी चर्चा में मशगुल थे। तभी दुकान के मालिक ने अटलजी से पूछा- ठंडाई कैसी बना दें? सादी या…? दुकानदार के मुंह से पूरा अल्फाज निकला भी नहीं थीं कि अटलजी मुस्कुराये और बोले- शादी तो मैंने की ही नहीं… तो सादी पीऊं कैसे…? दुकानदार समझ गया और वहां बैठे सभी लोग मुस्कुराने लगे।

अटल बिहार बाजपेयी एक महान शख्सियत आज हमारे बीच नहीं है। दूसरी पुण्यतिथि पर पूरा देश नतमस्तक है। कहतें है कि आजाद भारत में वह पहला सर्वमान्य नेता थे। उनका सम्मान बीजेपी के अतिरिक्त कॉग्रेस और अन्य दलो में भी एक समान है। उनके कई किस्से मसहूर है। जिसे आज आपके साथ शेयर करना चाहता हूं। बात की शुरूआत करें, इससे पहले बतातें चलें कि पीबी नरसिम्हां राव के नेतृत्व में केन्द्र में कॉग्रेस की सरकार थीं और अटल बिहारी बाजपेयी बिपक्ष के नेता हुआ करते थे। उस वक्त प्रधानमंत्री श्री राव ने राष्ट्रसंघ में भारत का प्रतिनिधि बना कर अटलजी को भेजा था और यह दुनिया के इतिहास में मिशाल बन गया।

एक बार फिर से लौटते है लखनऊ। वह 1996 का साल था। अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में लोकसभा का चुनाव जीत कर पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से चुनाव लड़ा था। उन्होंने मशहूर निर्देशक मुजफ्फर अली को पराजित किया था। ताज्जुब की बता देखिए कि जिस शख्स से चुनाव में पराजित हुए मुजफ्फर अली बाद में उसी के मुरीद हो गए। मुजफ्फर अली ने एक बार स्वयं इसका खुलाशा करते हुए कहा था कि अटलजी जब मिलते थे, तो एक पंक्तिं अक्सर सुनाते थे। पंक्ति था- ‘’सीने में जलन, आंखों में तुफान सा क्यों है, इस शहर में हर शख्स परेसान क्यों है?’’ दरअसल, यह पंक्ति मुजफ़्फरपुर अली ने फिल्म गमन के लिए लिखी थीं।

एक वाकया और देखिए। वर्ष 1942 में जब महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ का नारा दिया तो ग्वालियर भी अगस्त क्रांति की लपटों में आ गयी। खासियत यह थी कि आंदोलन कोई हो, अटलजी सदैव आगे हुआ करते थे। कहतें है कि शहर के कोतवाल अटलजी के पिताजी यानी कृष्ण बिहारी वाजपेयी के परिचित हुआ करते थे। एक दफा जब वह कृष्ण बिहारी से मिले तो बताया कि आपके चिरंजीव जेल जाने की तैयारी कर रहे हैं। अपनी नौकरी की फिक्र में कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने अटल को पैतृक गांव बटेश्वर भेज दिया। हालांकि,अटलजी नही माने और पुलिस के चंगुल में फंस ही गए। नाबालिग होने की वजह से अटल को बच्चा बैरक में रखा गया। चौबीस दिनों की अपनी इस पहली जेल यात्रा को अटलजी ने तकिया कलाम बना लिया और बहुत ही चुटिले अंदाज में अक्सर अपने दोस्तो को सुनाते रहते थे।

बहुत कम लोग जानते है कि राजनीति विज्ञान से  स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद अटलजी ने अपने कैरियर की शुरूआत पत्रकारिता से की। कालांतर में उन्होंने राष्ट्र धर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन का संपादन भी किया। बतातें चलें कि अटल बिहारी वाजपेयी की प्रारंभिक पढ़ाई ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज और कानपुर के डीएवी कॉलेज से हुई। विक्टोरिया कॉलेज को अब लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है। इस बीच 50 के दशक की शुरूआती वर्षो में ही अटलजी का रूझान राजनीति की ओर होने लगा था। पहली बार वर्ष 1955 में उन्होंने लोकसभा का उपचुनाव चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनकी बिलक्षण प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1957 में जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों पर एक साथ उतार दिया। युवा अटल लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़े। कहतें हैं कि लखनऊ से चुनाव हार गए और मथुरा में उनकी जमानत जब्त हो गई लेकिन बलरामपुर से अटलजी चुनाव जीतकर दूसरी लोकसभा में पहुंच गए। यहीं से अगले पांच दशकों के उनके संसदीय कामकाज की नींव पड़ी थीं।

आखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने एक बार मीडिया में एक चौकाने वाला खुलाशा किया था। कहा था कि जब अटलजी विदेश मंत्री बने और कार्यालय पहुंचे तो वहां दीवार पर कुछ जगह खाली देखी। पूछने पर पता चला वहां जवाहर लाल नेहरू की फोटो लगी थी। कर्मचारियों ने उसे हटा दिया था। अटलजी ने कहा कि मैं जनसंघ से जुड़ा हूं तो हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन नेहरूजी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। इसके तुरंत बाद वहां नेहरूजी की तस्वीर लगा दी गई। यह एक वाकया काफी है, समझने के लिए- तब और आज के राजनीति को।

यूपी के बलिया से भी अटलजी की कुछ यादें जुड़ी है। जनसंघ के जमाने के एक बयोबृद्ध कार्यकर्ता है सुधाकर मिश्र। वह बलिया जिले के रहने वाले है और हाल ही में उन्होंने अपनी कई यादों को साझा किया है। बात तब कि है, जब सुधाकर मिश्र बलिया के द्वाबा से प्रत्याशी बने थे और अटलजी वहां जनसभा करने गये थे। उस वक्त मुख्य अतिथि को 11 हजार रुपये की थैली देकर स्वागत करने की परंपरा थी। अटलजी आए और एक के बाद एक 13 जनसभाओं को संबोधित किया। जनसभा समाप्त हुई लेकिन अटलजी को थैली नहीं मिला। अटलजी चुप रहने वाले तो थें नहीं। मिश्राजी को बुलाया और बड़े ही चुटिले अंदाज में कहने लगे तुम बड़े चालाक हो। हमसे मजदूरी करा ली लेकिन मजदूरी नहीं दी। ऐसे और भी कई किस्से है…


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

रथ यात्रा 2025: घुरती रथ यात्रा आज, महाप्रभु जगन्नाथ मुख्य मंदिर लौटेंगे, उमड़ेगा भक्तों का सैलाब

रथ यात्रा 2025 का समापन आज घुरती रथ यात्रा के साथ होगा, जिसमें महाप्रभु...

UGC NET 2025 प्रारंभिक उत्तर कुंजी जारी, 8 जुलाई तक दर्ज करें आपत्तियां

 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने UGC NET 2025 की प्रारंभिक उत्तर कुंजी अपनी आधिकारिक...

‘Metro… In Dino’ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन: अनुराग बसु की फिल्म ने दूसरे दिन दिखाई जोरदार बढ़त

अनुराग बसु की 'Metro... In Dino' ने बॉक्स ऑफिस पर दूसरे दिन ₹6 करोड़...

पटना में गोपाल खेमका की हत्या: 2018 में हाजीपुर में हुई गुंजन खेमका की हत्या की याद दिलाती है

गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार में एक बार फिर से गंभीर अपराधों के...

More like this

रथ यात्रा 2025: घुरती रथ यात्रा आज, महाप्रभु जगन्नाथ मुख्य मंदिर लौटेंगे, उमड़ेगा भक्तों का सैलाब

रथ यात्रा 2025 का समापन आज घुरती रथ यात्रा के साथ होगा, जिसमें महाप्रभु...

UGC NET 2025 प्रारंभिक उत्तर कुंजी जारी, 8 जुलाई तक दर्ज करें आपत्तियां

 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने UGC NET 2025 की प्रारंभिक उत्तर कुंजी अपनी आधिकारिक...

RRB NTPC उत्तर कुंजी 2025: आज है आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तारीख

रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित RRB NTPC ग्रेजुएट लेवल परीक्षा 2025 की अस्थायी...

उद्धव और राज ठाकरे के गले मिलने का मतलब राजनीतिक गठबंधन नहीं

मुंबई के वरली स्थित नेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स डोम में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान...

रियो डी जेनेरियो में भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (स्थानीय समय) को अपनी ब्राजील यात्रा के दौरान रियो...

अमरनाथ यात्रा के दौरान बसों की टक्कर: 36 लोग घायल

अमरनाथ यात्रा के दौरान एक दुखद घटना घटी, जिसमें 36 लोग घायल हो गए,...

दलाई लामा ने 30-40 साल और जीने की उम्मीद जताई

हाल ही में दलाई लामा ने अपने स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण...

मुंबई में ठाकरे ब्रदर्स ने 20 साल बाद एक मंच पर साझा किया, मराठी विजय रैली में दिखा ऐतिहासिक मिलन

मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में 5 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक पल...

केंद्र सरकार ने वक्फ प्रबंधन नियम 2025 को अधिसूचित किया, वक्फ संपत्तियों की होगी प्रभावी निगरानी

केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विभिन्न पहलुओं के संबंध में 'एकीकृत वक्फ...

बिहार चुनाव की दिशा: चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बीच का राजनीतिक मुकाबला

जैसे-जैसे बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य का राजनीतिक माहौल...

कोझीकोड में निपाह वायरस नियंत्रण कक्ष खोला गया: जनता को सूचना देने के लिए कदम उठाए गए

कोझीकोड जिले में निपाह वायरस के खतरे को लेकर बढ़ती चिंता के मद्देनजर, जिला...

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन: 87% वोटर्स को मिल चुका है रिवीजन फॉर्म

बिहार में 25 जून 2025 से शुरू हुए वोटर लिस्ट रिवीजन का काम तेजी...

हिमाचल प्रदेश: भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु की प्रतिक्रिया

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने शुक्रवार को भाजपा सांसद कंगना रनौत...

पीएम मोदी का अर्जेंटीना दौरा: भारत-अर्जेंटीना संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जुलाई 2025 को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचे। यह...

इंग्लैंड की खतरनाक गिरावट: 25 गेंदों में गंवाए 9 विकेट, भारत ने किया वर्ल्ड रिकॉर्ड

इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने हाल ही में खेले गए एक मैच में ऐतिहासिक गिरावट...
Install App Google News WhatsApp