115.51 करोड़ की लगात से पुल बनने की उम्मीद अधर में
KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव की आहट मिलते ही मुजफ्फरपुर जिला के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र में मुद्दा गरम होने लगा है। बूढ़ी गंडक नदी पर पिछले एक दशक से पुल की मांग कर रहे चांदपरना के लोगो में सुलग रहा असंतोष सियासतदानो की गले का फांस बन जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा। नतीजा, खुफिया विभाग ने पत्र लिखकर सूबे की सरकार को अलर्ट कर दिया है। मामला पिछले एक दशक से उठ रहा है। चांदपरना पुल को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। यह मामला स्वयं मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया। इसके बाद पुल निगम विभाग ने 115 करोड़ 51 लाख रुपये की लागत से प्राक्कलन भी तैयार किया। पर, कतिपय कारणों से पुल का निर्माण अधर में होने से लोग गुस्से में हैं।
लोगो में पनप रहा है आक्रोश
इधर, सरकार को लिखे पत्र के हवाले से विशेष शाखा के पुलिस अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि दो हिस्सों में बंटे मीनापुर व कांटी की बड़ी आबादी पुल नहीं बनने से रोष में है। लोग विधानसभा चुनाव के दौरान वोट का बिहष्कार करने की तैयारी में जुट गये है। इससे प्रशासन की मुश्किले बढ़ सकती है। दूसरी ओर वर्ष 2014 से पुल के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे चांदपरना के राजनंदन सहनी ने बताया कि वर्ष 2017 के 14 दिसम्बर को मुजफ्फरपुर में विकास समीक्षा यात्रा के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चांदपरना में पुल बनाने के लिए अधिकारी को निर्देश दे चुके हैं।
जान जोखिम में डालते है लोग
लोगों ने बताया कि चांदपरना पंचायत के सैकड़ों परिवार का घर व जमीन नदी के दोनों तरफ हैं। लोग जान जोखिम में डाल कर रोज नाव से नदी पार करने का जोखिम उठाते हैं। वर्ष 2014, 2016 और 2018 में पुल की मांग को लेकर ग्रामीण आमरण अनशन कर चुके हैं। गत वर्ष राजद ने भी पुल की मांग को लेकर धरना दिया था। आलाधिकारी से पुल बनाने का अक्सर आश्वासन भी मिला। किंतु, सरजमीं पर काम शुरू नहीं हो सका। पुल निर्माण शुरू नहीं होने से ग्रामीण एक बार फिर से गोलबंद होने लगे हैं।