अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है, अभी तक अमेरिका में कोरोना संक्रमण के 3 लाख से अधिक मामले और 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक पूरी दुनिया को कोरोना का कोई इलाज नहीं मिल पाया है।
पिछले महीने भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि, मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, की भारत बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। मैंने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात कर, अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ऑर्डर की आपूर्ति करने का निवेदन किया।
कुछ शुरुआती परिणामों के आधार पर अमेरिका कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग करने पर जोर दे रहा है। हालांकि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दशकों से मलेरिया के उपचार के काम आती है। पिछले शनिवार को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तुरंत मंजूरी के बाद, कुछ अन्य दवा के संयोजन के साथ मलेरिया की दवा का उपयोग करके न्यूयॉर्क में लगभग 1,500 कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है।
ट्रंप के अनुसार दवा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि यह सफल हो जाता है, तो यह “स्वर्ग से मिले किसी तोहफे के समान होगा”। अगले कई हफ्तों में, अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के कारण एक लाख से दो लाख मौतों का अनुमान लगाया है।
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दिन रात इस वायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। इस महामारी के कारण दुनिया में अब तक 64 हजार से ज्यादा लोगों की जाने जा चुकी है।