रूस के कामचात्का प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर मंगलवार देर रात एक अत्यंत शक्तिशाली earthquake आया जिसकी तीव्रता 8.7 मापी गई। इस भूकंप के बाद Pacific region के कई देशों में tsunami warning जारी की गई, जिससे तटीय इलाकों में अफरातफरी का माहौल बन गया। जापान, अमेरिका और हवाई जैसे देशों में प्रशासन ने तात्कालिक निकासी के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि भारत के लिए यह राहत की बात है कि भारतीय तटीय क्षेत्रों को इससे कोई खतरा नहीं है।
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कामचात्का भूकंप ने मचाई दहशत, USGS ने बढ़ाई तीव्रता
United States Geological Survey (USGS) ने शुरुआत में इस earthquake की तीव्रता 8.0 बताई थी जिसे बाद में 8.7 और फिर 8.8 किया गया। भूकंप का केंद्र रूस के कामचात्का तट से लगभग 136 किलोमीटर दूर स्थित था, जिसकी गहराई मात्र 18.2 से 19.3 किलोमीटर थी, जो इसे और अधिक खतरनाक बनाता है।
यह क्षेत्र Pacific Ring of Fire में आता है, जो दुनिया के सबसे अधिक भूकंपीय गतिविधियों वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। इस घटना को 2011 में जापान में आए 9.1 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के बाद सबसे ताकतवर माना जा रहा है। यह वैश्विक स्तर पर दर्ज किए गए छह सबसे बड़े भूकंपों में से एक बन गया है।
रूस में उठीं 13 फीट तक की सुनामी लहरें, लोगों की निकासी शुरू
भूकंप के बाद कामचात्का और आसपास के क्षेत्रों में 10 से 13 फीट तक की tsunami waves दर्ज की गईं। रूस के Severo-Kurilsk शहर सहित सखालिन द्वीप के कई तटीय क्षेत्रों में तत्काल निकासी अभियान शुरू किया गया। Governor Vladimir Solodov ने इसे “दशकों में सबसे गंभीर भूकंप” बताया।
Petropavlovsk-Kamchatsky शहर में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एक किंडरगार्टन भी शामिल है। लोगों के भागने के दौरान मामूली चोटें भी आईं। स्वास्थ्य मंत्री ओलेग मेलनिकोव ने बताया कि एक व्यक्ति खिड़की से कूदने के दौरान घायल हो गया और एक महिला को हवाई अड्डे के नए टर्मिनल में चोट लगी। हालांकि, किसी भी मौत की अब तक कोई सूचना नहीं है।
जापान में तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की चेतावनी
जापान की मौसम एजेंसी Japan Meteorological Agency (JMA) ने पूर्वी तट पर 1 से 3 मीटर ऊंची लहरों की संभावना जताई और सुनामी चेतावनी जारी की। Hokkaido से लेकर Wakayama तक के क्षेत्रों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए।
Nemuro-Hanasaki पोर्ट पर पहली 30 सेंटीमीटर ऊंची लहर दर्ज की गई। एजेंसी ने आगे की लहरों के और अधिक शक्तिशाली होने की आशंका जताई है। जापान के राष्ट्रीय प्रसारक NHK ने लोगों को समुद्र तट और नदी किनारों से दूर रहने तथा ऊंचे इलाकों में जाने की सलाह दी।
हवाई, अलास्का और अमेरिका के पश्चिमी तट पर भी अलर्ट
अमेरिका के National Tsunami Warning Center ने Hawaii, Alaska, और California, Oregon, Washington जैसे पश्चिमी तटीय राज्यों में tsunami alert जारी किया। हवाई में स्थानीय समयानुसार रात 7:17 बजे तक पहली लहर आने की संभावना जताई गई थी।
लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने या बहुमंजिला इमारतों की चौथी मंजिल पर शरण लेने के लिए कहा गया। चेतावनी दी गई कि Hawaii और Russia के कुछ तटों पर 3 मीटर से अधिक ऊंची लहरें आ सकती हैं। साथ ही, Chile, Solomon Islands, और अन्य प्रशांत द्वीपों पर 1 से 3 मीटर की लहरें संभव हैं।
भारत और हिंद महासागर क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित
भारत के लिए यह राहत की खबर है कि Indian Tsunami Warning Centre ने स्पष्ट किया है कि इस भूकंप से भारत या Indian Ocean Region में किसी भी प्रकार का tsunami threat नहीं है।
भूकंप की सूचना मिलने के बाद केंद्र ने त्वरित विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला कि भारतीय तट पूरी तरह सुरक्षित हैं। यह जानकारी National Disaster Management Authority (NDMA) के साथ साझा की गई है ताकि कोई गलत जानकारी न फैले।
अन्य प्रभावित क्षेत्र और अलर्ट
Ecuador और Chile में भी tsunami warning जारी की गई है।
Guam, American Samoa, और Micronesia के कई द्वीपों में सलाह जारी की गई।
New Zealand की National Emergency Management Agency (NEMA) ने तटवर्ती क्षेत्रों में तेज़ धाराओं और समुद्र स्तर में असामान्य बदलाव की चेतावनी दी। हालांकि निकासी की आवश्यकता नहीं बताई गई।
वैश्विक स्तर पर अलर्ट मोड, सभी एजेंसियां सक्रिय
प्रशांत महासागर से जुड़े कई देशों ने अपने emergency protocol सक्रिय कर दिए हैं। evacuation sirens बजाई गईं और कई क्षेत्रों में बचाव टीमें सक्रिय कर दी गई हैं।
रूस में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, और प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी और आश्रय की व्यवस्था की जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि अमेरिका में चेतावनी जारी है और सभी एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
वैज्ञानिक विश्लेषण जारी, आफ्टरशॉक्स की आशंका
भूकंपीय वैज्ञानिक इस Kamchatka earthquake की भूगर्भीय गतिविधियों की विस्तृत जांच में जुटे हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में इसे tectonic plate subduction zone में reverse fault movement का परिणाम बताया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े earthquake के बाद aftershocks आना सामान्य है और ये कई दिनों या हफ्तों तक महसूस किए जा सकते हैं। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
कामचात्का में आया यह भीषण earthquake और उसके बाद फैली tsunami warning दुनिया को एक बार फिर यह याद दिलाते हैं कि प्रकृति कितनी अनप्रेडिक्टेबल हो सकती है।
हालांकि भारत अभी सुरक्षित है, लेकिन ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि वैश्विक स्तर पर early warning system और disaster preparedness कितनी अहम है।
प्रशांत क्षेत्र के देशों और द्वीपों को आने वाले दिनों में सतर्क रहने की ज़रूरत है। वहीं, नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें और अफवाहों से दूर रहें।
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