KKN ब्यूरो। 2 जून 2025। 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से वैश्विक सामरिक संतुलन बदल चुका है। 2024-25 में रूस ने अपनी परमाणु नीति में अहम संशोधन किया है, वहीं यूक्रेन खुले तौर पर परमाणु हथियारों की वापसी की मांग कर रहा है। नाटो और अमेरिका की प्रतिक्रियाएं भी इस बदलते परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई हैं।
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न्यूक्लियर छांव और आक्रामक नीतिगत बदलाव
रूस की वर्ष 2020 की परमाणु नीति में कहा गया था कि परमाणु हथियार सिर्फ “निरोध” के लिए हैं और इनका प्रयोग सिर्फ चरम हालात में किया जाएगा। लेकिन 2024 में इस नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए। अब रूस ने स्पष्ट किया है कि यदि उसकी संप्रभुता को पारंपरिक हथियारों से भी खतरा हुआ, तो वह परमाणु प्रत्युत्तर दे सकता है।
मुख्य बिंदु:
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- पारंपरिक हमलों को भी संभावित परमाणु जवाब की श्रेणी में शामिल किया गया।
- बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती से पश्चिम को चेतावनी।
- रूसी रणनीति में ‘फर्स्ट यूज़’ की संभावना बढ़ी।
परमाणु वापसी की मांग या पश्चिम पर दबाव?
यूक्रेन ने 1996 में परमाणु हथियार रूस को सौंपकर NPT पर हस्ताक्षर किया था। लेकिन 2024-25 में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कई बार कहा कि अगर NATO सदस्यता नहीं मिली, तो हमें “परमाणु हथियार लौटाए जाएं”।
गौरतलब पहलू:
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- बुडापेस्ट मेमोरेंडम का बार-बार हवाला।
- नाटो और अमेरिका से “सुरक्षा गारंटी” की मांग।
- तकनीकी या वैध रूप से परमाणु वापसी संभव नहीं, पर राजनीतिक दबाव बना।
परमाणु निरोधक गठबंधन की दोहरी भूमिका
नाटो की 2022 रणनीतिक अवधारणा परमाणु हथियारों को “सुरक्षा की रीढ़” बताती है। हालांकि, वह साथ ही वैश्विक निरस्त्रीकरण की भी वकालत करता है।
प्रमुख तथ्य:
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- अमेरिका के लगभग 100 टैक्टिकल न्यूक्लियर बम यूरोप में तैनात।
- फ्रांस और ब्रिटेन के पास स्वतंत्र परमाणु arsenal।
- रूस की धमकियों को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताया गया।
निषेध और फ्लेक्सिबल रिस्पॉन्स का दोहरा खेल
2022 की अमेरिकी ‘न्यूक्लियर पोस्टर रिव्यू’ (NPR) में कहा गया कि अमेरिका केवल “चरम परिस्थितियों” में परमाणु हथियारों का प्रयोग करेगा। हालांकि, “नो फर्स्ट यूज़” की नीति अभी भी नहीं अपनाई गई है।
मुख्य बिंदु:
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- 5,000 से अधिक परमाणु हथियारों का भंडार।
- परमाणु त्रिमुखी प्रणाली: ICBM, SLBM और बॉम्बर।
- यूरोप में रणनीतिक साझाकरण के तहत परमाणु बम तैनात।
तुलनात्मक तालिका: चार प्रमुख शक्तियों की परमाणु नीति
देश/संगठन | परमाणु सिद्धांत | हथियार भंडार | 2024-25 नीति बदलाव |
रूस | संशोधित, आक्रामक | 5,580+ | पारंपरिक हमले पर भी न्यूक्लियर प्रतिक्रिया संभव |
यूक्रेन | परमाणु मुक्त | 0 | परमाणु वापसी की राजनीतिक मांग |
नाटो | निरोधक और साझेदार | 100+ (US shared) | सामूहिक जवाब की चेतावनी |
अमेरिका | लचीला निषेध | ~5,000 | No First Use नहीं अपनाया |
क्या परमाणु युद्ध की आशंका बढ़ रही है?
रूस की बदली हुई नीति, यूक्रेन की मांग, और पश्चिम की प्रतिक्रियाएं यह दिखाती हैं कि परमाणु हथियार अब फिर से वैश्विक रणनीति के केंद्र में आ गए हैं। हालाँकि, प्रत्यक्ष युद्ध की आशंका कम है, लेकिन “न्यूक्लियर शैडो” का असर अब भू-राजनीतिक फैसलों पर पहले से कहीं अधिक महसूस हो रहा है।
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