लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के संबंध में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि गृह मंत्री अमित शाह लद्दाख को अनुच्छेद 371 के तहत विशेष दर्जा देने पर विचार कर रहे हैं। यह घटनाक्रम 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद हुआ है, जिससे चीन और पाकिस्तान की संभावित प्रतिक्रियाओं के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं।
अनुच्छेद 371 क्या है? (What is Article 371?)
अनुच्छेद 371 भारतीय संविधान में एक प्रावधान है जो भारत के कुछ राज्यों को विशेष दर्जा देता है। इसका उद्देश्य इन राज्यों में अद्वितीय सांस्कृतिक और सामाजिक प्रथाओं को संरक्षित करना, आर्थिक हितों की रक्षा करना और स्वदेशी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना है। अब निरस्त किए गए अनुच्छेद 370 के विपरीत, अनुच्छेद 371 विशेष जरूरतों के अनुरूप अपेक्षाकृत सीमित विशेष प्रावधानों से संबंधित है।
अनुच्छेद 371, अनुच्छेद 370 से कैसे अलग है? (How Does Article 371 Differ From Article 370?)
- क्षेत्र (Scope): अनुच्छेद 370 ने जम्मू और कश्मीर को व्यापक स्वायत्तता प्रदान की, जिसमें उनका अपना ध्वज और संविधान भी शामिल था। अनुच्छेद 371 व्यक्तिगत राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार अधिक सीमित विशेष प्रावधान प्रदान करता है।
- स्थायित्व (Permanence): अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था, जिसका उद्देश्य अंततः पूर्ण रूप से भारत में एकीकरण करना था। अनुच्छेद 371 विशिष्ट क्षेत्रीय विशेषताओं को बनाए रखने के लिए एक अधिक स्थायी व्यवस्था हो सकती है।
- विधायी शक्ति (Legislative Power): अनुच्छेद 370 के लिए संसद को कानून बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति की आवश्यकता होती थी। अनुच्छेद 371 आम तौर पर केंद्रीय कानून के लिए ऐसी बाधाएं पैदा नहीं करता है।
लद्दाख के लिए अनुच्छेद 371 पर क्यों विचार करें? (Why Consider Article 371 for Ladakh?)
- संस्कृति और भूमि का संरक्षण (Protection of Culture and Land): लद्दाख के पास एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान और नाजुक पारिस्थितिकी है। अनुच्छेद 371 आदिवासी आबादी की रक्षा कर सकता है और पारंपरिक जीवन शैली और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए भूमि के स्वामित्व को नियंत्रित कर सकता है।
- राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग (Demand for Statehood and Sixth Schedule): पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की बढ़ती मांग रही है, जो स्वायत्त आदिवासी जिलों का प्रावधान करती है। अनुच्छेद 371 एक संभावित समझौता समाधान हो सकता है।
चीन और पाकिस्तान की संभावित प्रतिक्रियाएं (Possible Responses from China and Pakistan)
लद्दाख में अनुच्छेद 371 के कार्यान्वयन से चीन और पाकिस्तान की ओर से राजनयिक प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं, ये दोनों इस क्षेत्र में प्रदेशों पर दावा करते हैं। वे इस कदम का विरोध कर सकते हैं और कुछ क्षेत्रों पर भारतीय संप्रभुता को मान्यता न देने पर फिर ज़ोर दे सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
अनुच्छेद 371 के तहत लद्दाख को विशेष दर्जा देना, इस क्षेत्र के विकास और शेष भारत के साथ संबंधों के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है। हालांकि इसका उद्देश्य लद्दाख की पहचान की रक्षा करना है, लेकिन संभावित भू-राजनीतिक परिणामों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।