सीने अदाकारा सुरैया को हिंदुस्तान से बेइंतहा प्यार था। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद नूरजहां और खुर्शीद बानो जैसे कलाकार पाकिस्तान की नागरिकता ले ली और वह पाकिस्तान चली गई। वही, सुरैया ने यहीं भारत में रहने का फैसला किया और यही बस गई। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सुरैया की महानता के बारे में एक बार कहा था कि सुरैया ने मिर्जा गालिब की शायरी को आवाज देकर उनकी आत्मा को अमर बना दिया है।एक और जहां सुरैया की मदमस्त अदाकारी से लोग उछल पड़ते थे। वही, दूसरी ओर संरैया की जीवन, हमेशा अधूरा रह गया। क्या है उसके जीवन के अधूरे प्यास की दास्तान? देखिए, इस रिपोर्ट में
This post was published on मई 16, 2018 19:00
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