वर्ष 2021 अब यादों में समिट चुका है। अपनो को खोने की यादें। सांसो के लिए जुझती यादें। समूह में जलती चिताओं की यादें और नदी में तैरती, इंसानी लाशो की यादें। अपने ही घरो में कैद होने की विवशता को कौन भूल सकता है। कहतें है वर्ष 2021 के कोरोना त्रासदी को सभी ने करीब से महसूस किया है। यह सच है कि वर्ष 2021 एक बुरे ख्वाब की तरह था। जो चला गया। पर, दूसरा सच ये भी है कि वर्ष 2021 में हमने उम्मीदो के कई परवाज भरे। जीने का अंदाज बदला और कई कीर्तिमान भी बने। आज के इस रिपोर्ट में हम वर्ष 2021 के उसी खट्टी मीठी यादो को लेकर आयें है।
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