याद करिए 1940 के अंतिम दो तीन वर्षो को। एशिया में एक साथ चार देश अपने वजूद में आया। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और चीन। चारो देश गुलामी से निकल कर आये थे और अपने लिए सुनहरे भविष्य का सपना साकार करना चाहते थे। चारो ने अलग अलग राह पकड़ी और चल पड़े। मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति और स्थायी सरकार के बूते चीन आज दुनिया की महाशक्ति बनने की कगार पड़ है। जबकि, राजनीतिक की बिसात पर हिचकोले भरते हुए भारत विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल होने की जद्दोजहद कर रहा है। दूसरी ओर आज भी पाकिस्तान अपने बदहाल राजनीति अस्थिरता से बाहर नही निकल पा रहा है। इसका खामियाजा पाकिस्तान के आवाम को भुगतना पड़ा है। इधर, सस्ती लोकप्रियता और लोक लुभावन योजनाओ की वजह से श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लोग भूखे मरने की कगार पड़ है। दरअसल यह एक बड़ा सबक है और इससे भारत के लोगो को सिखने की जरुरत है।
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