शिक्षा समाज का आइना होता है। यह देश और कालखंड को परिभाषित करता है। समृद्ध राष्ट्र का निर्माण तभी सम्भव है, जब हमारे पास स्वदेशी ज्ञान पर आधारित समृद्ध शिक्षा नीति हो। इतिहास गवाह है, ज्ञान का स्त्रोत अर्जित करने वाला सदैव कालजयी हुआ है। किंतु, महज अनुकरण करने वाला, कभी अग्रसर नहीं हुआ। 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है। करीब 34 साल बाद आई शिक्षा नीति में सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। पढ़ाई बीच में छूटने पर अर्जित ज्ञान और समय की बर्बादी नहीं होगी। ऐसे और भी कई बड़े बदलाव हुए है। जिसका इस रिपोर्ट में जिक्र है। अब सवाल उठता है कि यह हमारे भविष्य के निर्माण में मददगार साबित होने वाला है या इसका हमे खामियाजा भुगतना पड़ेगा? देखिए, पूरी रिपोर्ट…
This post was published on अगस्त 7, 2020 17:02
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More