शिक्षा वह जो, हमारे भीतर के अज्ञानता, नकारात्कम सोच और दूसरो पर दोष मढ़ने की प्रवृति से हमें मुक्त कर दें। इसके लिए शिक्षको में भी प्रयाप्त ज्ञान होना चाहिए। क्योंकि, दुनिया का सबसे बड़ा दान, शिक्षा का दान होता है। ये बातें कहीं हैं शिक्षा पदाधिकारी शंभू प्रसाद ने। श्री शंभू ने सरकार के शिक्षा नीति, शिक्षा की गुणवत्ता और समाज की भूमिका को लेकर कई अहम खुलाशा किया है। मध्याह्न भोजन योजना, शिक्षको की चयन प्रक्रिया और विद्यालय प्रबंधन को लेकर शिक्षा पदाधिकारी ने और क्या कहा? KKN लाइव के ‘इनसे मिलिए’ सेगमेंट में देखिए, उनका पूरा इंटरव्यू…
This post was published on जून 5, 2019 17:00
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