भारत की राजनीति में तुष्टीकरण और संतुष्टीकरण जैसे शब्द गहरी जड़ें जमा चुके हैं। चाहे धार्मिक, जातीय या समूह आधारित तुष्टीकरण हो, इनका असर राजनीति पर साफ दिखता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हालिया भाषण में जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया। जानिए, जातिवाद के प्रचलन और राजनीति में इसके ‘फैशन’ बनने पर प्रधानमंत्री ने क्या टिप्पणी की और उनका संदेश किस ओर इशारा करता है।
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