इसाई समुदाय के लिए क्रिसमस का बड़ा महत्व है। यह पर्व उनके आस्था से जुड़ा होता है। इस मौके पर दुनिया के गिरजाघरों में प्रभु यीशु की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। गिरजाघरों में प्रार्थना का आयोजन होता है और इसाई धर्म को मानने वाले प्रभु यीशु का ध्यान करते हैं। इसाई सम्प्रदाय के मानने वाले प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाते है। इस मौके पर एक दुसरे को प्यार और भाइचारे का संदेश देते है। क्रिसमस का यह पर्व कमोवेश पूरी दुनिया में इसाई लोगो के द्वारा मनाई जाती है। हालांकि, अब दुसरे समुदाय के लोग भी क्रिसमस में हिस्सा लेने लगे है। कहतें है कि क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसंबर से ही क्रिसमस से जुड़े कार्यक्रम की शुरूआत हो जाती हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग प्रभु यीशु की प्रशंसा में कैरोल गाते हैं।
This post was published on दिसम्बर 18, 2020 17:00
किसी को बोरे- बोरे नून और किसी को बोरने के लिए भी नहीं है, नून...।… Read More
बिहार के सीमांचल में समाजवादियों का दुखता हुआ नब्ज क्या है। मुस्लिम बाहुल सीमांचल में… Read More
हैदराबाद क्यों बन गया है हॉट सीट KKN न्यूज ब्यूरो। हैदराबाद को हॉट सीट बनाने… Read More
चुनाव के उत्साह के बारे में लोगों के आवाज सुनें। लालू यादव के करिश्माई भाषण… Read More
हैदराबाद को हॉट सीट बनाने में बीजेपी के महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नहीं किया जा… Read More
Jubba Sahani रेलवे स्टेशन के इस परिस्थिति का जिम्मेदार कौन? https://youtu.be/k8dMmRv8BB8 Read More