फंदा गले में पहन कर भगत सिंह ने मजिस्टेट से क्या कहा

उन्हें यह फ़िक्र है, हरदम… नई तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है? हमें यह शौक है, देखें… सितम की इन्तिहां क्या है? इस पंक्ति के रचनाकार, शहिदे आजम भगत सिंह आज भी सियासी सितम के शिकार है। आजादी […]