16 अगस्त 1942 को मीनापुर थाना को करा लिया था आजाद
KKN न्यूज ब्यूरो। वैशाली के सांसद वीणा देवी ने कहा कि मीनापुर शहीदों की धरती है। शहीद जुब्बा सहनी और बांगूर सहनी समेत अन्य सभी शहीदों की कुर्बानी से आज हम आजाद फिंजा में सांस ले रहें है। सांसद ने कहा कि 16 अगस्त 1942 को मीनापुर के तत्कालीन अंग्रेज थानेदार लूइस वालर की थाना पर ही चिता सजाने और इस दौरान मीनापुर थाना पर तिरंगा लहरा कर करीब 16 घंटे तक इस छोटे से इलाके को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद करा लेना, देश की इतिहास का बड़ा मिशाल है। सांसद ने कहा कि इस इतिहास को राजकीय सम्मान दिलाने की पुरजोर कोशिश होगी। संसद के आगामी सत्र में इसको उठाया जायेगा। इससे पहले कविवासर विकास परिषद की ओर से मीनापुर क्रांति महोत्सव को राजकीय सम्मान देने की सांसद से मांग की गई थी।
शहीदों का वलिदान गौरव का प्रतीक
कविवासर विकास परिषद की ओर से यदु भगत किसान कॉलेज में आयोजित क्रांति महोत्सव का शुक्रवार को सांसद वीणा देवी, पूर्व मंत्री दिनेश प्रसाद, डॉ अरुण शाह और शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित करके उद्घाटन किया। समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री दिनेश प्रसाद ने कहा की शहीदों का बलिदान, मीनापुर के समस्त लोगों के गौरव का प्रतीक है। पूर्व मंत्री ने कहा कि इस समारोह को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की हरसम्भव कोशिश होगी। डॉ अरुण साह ने कहां की बच्चों को मीनापुर के इतिहास से अवगत कराने की जरुरत है। कविवासर विकास परिषद की ओर से आयोजित क्रांति महोत्सव की अध्यक्षता दरभंगा के बीईओ शंभू प्रसाद ने की और संचालन शिक्षक डॉ. श्यामबाबू प्रसाद ने किया। अधिवक्ता नीरज कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बाल कलाकारों ने की मनमोहक प्रस्तुति
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बाल कलाकार तेजस्वी की प्रस्तुति- मेरा रंग दे बसंती चोला…। लोगों को अभिभूत कर दिया। सात वर्षिय सृष्टी ने डीजे की धून पर मनमोहक डांस प्रस्तुत किया। आदर्श विद्यापीठ डीजावो और उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुस्तफागंज सहित कई अन्य विद्यालय से आये छात्र छात्राओं ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से समां बांध दिया। कार्यक्रम में कलाकार ऋषिका पोद्दार, रिद्धि-सिद्धि और सचिन कुमार ने अपनी प्रस्तुति दी है। इस दौरान आकाश्वासनी से जुड़े लोक कलाकार शंभू राम ने अपनी प्रस्तुति दी। मौके पर, अजय कुमार, पंकज किशोर पप्पू, भारतरत्न यादव, अधिवक्ता नीरज कुमार सिंह, सदयकांत आलोक, निलम कुमारी और जगन्नाथ प्रसाद ने अपने विचार रखे। मौके पर शंकर प्रसाद, मालती सिंह, नीलम कुशवाहा, स्वाति श्रीवास्तव, चंद्रवली साहनी और मो. जियाउद्दीन भी मौजूद थे।
क्या हुआ था 16 अगस्त 1942 को
वह 16 अगस्त, 1942 का दिन था। महात्मा गांधी के आह्वान पर भारत छोड़ो आंदोलन आरंभ हो चुका था। दिन के करीब 2 बजे पं सहदेव झा के नेतृत्व में सैकड़ो लोग मीनापुर थाना पर कब्जा कर लिया। भीड़ ने तत्कालीन अंग्रेज थाना प्रभारी लुइस वालर की थाना पर चिता सजा दी और थाना पर तिरंगा लहरा कर आजादी का ऐलान कर दिया। इस दौरान पुलिस की गोली से चैनपुर गांव के बागुंर सहनी मौके पर शहीद हो गए। एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए। इसी आरोप में चैनपुर गांव के जुब्बा सहनी को फांसी दे दी गई। जबकि, अन्य लोगों को कारावास की सजा हुई।