संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। बीडीओ के निर्देश पर रविवार को मझौलिया ग्राम कचहरी मे महिलाओ के सम्पति अधिकार विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सरपंच रतन राय व संचालन पैनल अधिवक्ता दीपमाला कुमारी ने किया। पीएलवी शंकर ठाकुर व अन्य अधिवक्ताओ ने महिलाओ के सम्पति के अधिकार के विषय के बारे मे विस्तार से प्रकाश डाला। कानूनविदो ने कहा कि अधिनियम 2005 मे महिलाओ को अपने पिता/पति के सम्पति मे जन्म से ही समानता का अधिकार दिया गया है। विधवा हिंदू महिला अगर बिना वसियत लिखे मर जाती है तो उसके सम्पति मे से उसके बेटे और बेटी को समान अधिकार होगा। उन्होने कहा कि समय आ गया है कि महिलाओ को भी कानून की जानकारी रखना चाहिए। संविधान मे महिलाओ के हक को भी प्रमुखता से बताया गया है। बस हक के लिए उन्हे जागरूक होना होगा। धारा-21 के अंतर्गत अगर कोई हिंदू विधवा औरत अगर दूसरी शादी नही कर लेती है तब तक पति,पुत्र,पुत्री या ससुर अथवा पिता की सम्पति से उसे भरण पोषण लेने का अधिकार है। मृत हिंदू के वारिस को विरासत मे प्राप्त सम्पदा को मृतक के आश्रितो से भरण पोषण का अधिकार है। पक्षकारो की स्थिति देखकर भरण पोषण की राशि न्यायालय तय करेगी। भरण पोषण की राशि तय करने से पहले ऋण निवारण पर भी निर्णय किया जायेगा। मौके पर प्रियंका,विरेंद्र कुमार,इंदिरा देवी,शांति देवी व मुखिया वारिस खान मौजूद थे।
This post was published on जून 26, 2017 11:41
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