राहत शिविरों में अब तक छह लाख लोगो को दी जा रही है सरकारी मदद
केरल की भयानक बाढ़ में फंसे हजारो लोगो पिछले एक सप्तहा से भूखें हैं और बाड़ की पानी के बीच प्यास से तड़प रहें हैं। यह खबर केरल से बाहर निकलते ही हछ़कंप मच गया है। सरकार सकतें में हैं और बचाव दल ऐसे गांव तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि अलप्पुझा, त्रिशूर और एर्णाकुलम जिलों के कई इलाकों में अब भी हजारो लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं और पिछले एक सप्ताह से भूखे है। उनके पास भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
एजेंसी ने किया 33 हजार लोगो को बाहर निकालने का दावा
इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित इलाकों से विभिन्न एजेंसियों ने 33 हजार से ज्यादा लोगों को बाहर निकालने का दावा किया है। वहीं, राहत शिविरों में करीब छह लाख लोग अभी भी मौजूद हैं। इस बीच नौसेना का विमान भारी मात्रा में राशन-पानी लेकर केरल के बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंच गया।
फैलने लगी है बीमारियां
केरल में भीषण बाढ़ के बीच अब कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका भी पैदा हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि केरल के हालात पर स्वास्थ्य विभाग के टीम लगातार निगाह बनाएं हुए है। स्वास्थ्य सचिव डिजीज सर्विलांस नेटवर्क के जरिये स्थिति की निगरानी कर रहें हैं।
मौसम विभाग ने जारी किए अलर्ट
इधर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दक्षिणी राज्य के लिए अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में अगले चार दिन तक भारी बारिश नहीं होने का अनुमान है । मौसम विभाग के द्वारा जारी इस अलर्ट से लोगो ने राहत की सांस ली है। मालूम हो कि बाढ़ के चलते अब तक 357 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं।
सेना ने बचाई नवजात की जान
इस भयानक त्रासदी के बीच सेना ने केरल की बाढ़ में फंसी एक मां और उसके नवजात को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन वाटर बेबी’ चलाया। लेफ्टिनेंट कर्नल शशिकांत वाघमोड ने बताया, शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे अभियान शुरू किया गया और बाढ़ में फसे एक नवजात और उसकी मां की चिकित्सीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए सूरज निकलने का इंतजार किये बिना ही उसको सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
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