केन्द्र की एनडीए सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान देने वाला बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल पेश करते हुए कहा कि जो भी जाति एससी, एसटी और ओबीसी में नहीं आती है, उन्हें सामान्य वर्ग आरक्षण का लाभ मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सभी धर्म के गरीबों को सामान्य वर्ग में आरक्षण का लाभ मिलेगा। गहलोत ने कहा कि इससे एससी-एसटी और ओबीसी के 49.5 फीसदी आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान का 124वां संशोधन विधेयक पर लोकसभा में वहस जारी है। स्मरण रहें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ही इसे मंजूरी दे दी थीं। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की क्रांतिकारी पहल की है। आरक्षण का लाभ उन्हें मिलेगा, जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि वह गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का समर्थन करेंगी। उन्होंने कहा कि अभी आरक्षण को लेकर जो व्यवस्था लागू है वो काफी पुरानी है। ऐसे में अब इसकी आवश्यकता है कि एससी-एसटी और ओबीसी को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण की समीक्षा की जाए। हालांकि, बसपा अध्यक्ष मायावती ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को चुनावी स्टंट बताया है।
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